पटना शहरी क्षेत्र में पटना सदर, पटना सिटी व दानापुर अनुमंडल में अलग-अलग तेल कंपनियों के संचालित पेट्रोल पंपों पर मिलावट की जांच, सही माप-तौल व आवश्यक सुविधाओं की जांच शुक्रवार से होगी. शुक्रवार को पटना सदर अनुमंडल क्षेत्रों में जांच की जायेगी. इसके लिए पांच अधिकारियों की टीम गठित की गयी है. जांच करने वाले अधिकारियों को किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर पूरे साक्ष्य के साथ जांच के बाद 24 घंटे में रिपोर्ट देनी होगी.
डीएम ने जारी किया आदेश
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पटना शहरी क्षेत्र में संचालित पेट्रोल पंपों के कार्य स्थल पर उपलब्ध आवश्यक सुविधाएं, सही माप-तौल व मिलावट की जांच करने के संबंध में आदेश जारी किया है. पटना सदर अनुमंडल में जांच के बाद पटना सिटी अनुमंडल में 15 जुलाई व दानापुर अनुमंडल में संचालित पेट्रोल पंपों की 17 जुलाई को जांच होगी.
पदाधिकारियों की तीन जांच दल गठित
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पेट्रोल पंपों की जांच के लिए पदाधिकारियों की अलग- अलग तीन जांच दल गठित किये गये हैं. शुक्रवार को पटना सदर में संचालित पेट्रोल पंपों की जांच कार्यपालक दंडाधिकारी प्रवीण कुमार सिन्हा, रिटेल सेल्स मैनेजर आइओसीएल साकेत सौरव, निरीक्षक माप-तौल अमर पासवान, आपूर्ति निरीक्षक प्रदीप हरे राम वर्मा व एमवीआइ दिलीप कुमार करेंगे.
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पटना सिटी अनुमंडल में 15 जुलाई को जांच के लिए डीसीएलआर पटना सिटी प्रवीण कुंदन, रिटेल सेल्स मैनेजर एचपीसीएल नवीन कुमार, एमवीआइ गौतम कुमार, आपूर्ति निरीक्षक भूपेंद्र कुमार व निरीक्षक माप-तौल रविकांत संतोष टीम में शामिल हैं.
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दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में 17 जुलाई को अपर अनुमंडल पदाधिकारी हर्ष प्रियदर्शी, रिटेल सेल्स मैनेजर बीपीसीएल सुमित कुमार, आपूर्ति निरीक्षक एहसान करीम, एमवीआइ दिलीप कुमार व निरीक्षक माप-तौल अजय कुमार पाल जांच करेंगे.
पेट्रोल पंपों पर 15 तरह की सुविधाओं की होगी जांच
अधिकारियों को पेट्रोल पंपों पर लोगों के लिए 15 तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं इसकी जांच करनी है. इसमें भंडार, बिक्री मूल्य, मिलावट की जांच की व्यवस्था, माप-तौल के उपकरण, पेयजल, प्रकाश, रेडियेटर, वाहनों के लिए हवा की सुविधा, फर्स्ट एड बॉक्स, जेनरेटर, टेलीफोन, पॉश मशीन, महिला व पुरुष शौचालय सहित अन्य सुविधाएं रहनी आवश्यक हैं.
पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार नहीं देता स्टेट हाइवे के किनारे पेट्रोल पंप रिटेल आउटलेट स्थापित करने की अनुमति
इधर, बिहार विधानमंडल में नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से सरकार का पक्ष रखते हुए कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि स्टेट हाइवे के किनारे पेट्रोल पंप रिटेल आउटलेट स्थापित करने की अनुमति पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार द्वारा नहीं दिया जाता है. प्राधिकार द्वारा जिला पदाधिकारी से प्राप्त आवेदन के आलोक में भूमि उपयोगिता से संबंधित वस्तुस्थिति की जानकारी जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायी जाती है. मंत्री मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
पटना महानगर क्षेत्र में पेट्रोल पंप व रिटेल आउटलेट देने की शक्ति डीएम को : कुमार सर्वजीत
कुमार सर्वजीत ने सदन को बताया कि जिला पदाधिकारी कार्यालय में इस तरह के लगभग 183 आवेदन आये, जिनकी जांच की गयी. जांच के विरुद्ध उसमें से 165 प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि चूंकि यह शहर का मामला है. शहर के अंदर बहुत सारे जगह ऐसे होते हैं जहां पर कॉमर्शियल कार्य होता है, रेसिडेंशियल काम होता है. जहां पर आबादी बहुत होती है और वहां पर पेट्रोल पंप बनेगा कि नहीं बनेगा, गैस के गोदाम बनेंगे कि नहीं बनेंगे यह जिलाधिकारी को पावर होता है. जिलाधिकारी ही पेट्रोल पंप व रेटेल आउटलेट निर्माण के संबंध में डिसाइड करते हैं. जो आवेदन जिलाधिकारी के यहां जाता है, उसकी जांच होती है और जांच के आलोक में अगर वह सही पाया जाता है कि यहां पर पेट्रोल पंप बनाने से किसी आबादी को नुकसान नहीं होगी तो ही उसको एनओसी दिया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले से जो पेट्रोल पंप स्थापित किये जा चुके हैं उसको अनुमति मिली होगी तभी वे स्थापित किये गये होंगे.