कोरोना काल में संकटमोचन साबित हुई पीएफ, बिहार के 89,384 लोगों ने भविष्य निधि से निकाले 169 करोड़ रुपये
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने लोगों की आमदनी पर भी ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में भविष्य के लिए निवेश की जाने वाली भविष्य निधि हजारों लोगों के लिए संकटमोचन साबित हुई है.
पटना. कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने लोगों की आमदनी पर भी ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में भविष्य के लिए निवेश की जाने वाली भविष्य निधि हजारों लोगों के लिए संकटमोचन साबित हुई है. कर्मचारियों ने कर्मचारी भविष्य निधि फंड (इपीएफ) का पैसा अपनों के इलाज और जरूरी कामों में खर्च किया.
इस साल मार्च से लेकर अब तक सूबे के इपीएफओ के 89,384 सदस्यों ने अपने पीएफ खाते से 1,694,452,356 रुपये की निकासी की. इसमें पीएफ एडवांस के तौर पर 50 हजार लोगों ने रकम निकाली. इन सभी के बैंक खातों में पीएफ की राशि ट्रांसफर की गयी.
सूबे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में हैं. जानकारी अनुसार भागलपुर में आवेदन आये 5198 और 3807 आवेदन स्वीकृत हुए. सदस्यों को 75678807 रुपये बैंक में ट्रांसफर किये गये.
मुजफ्फरपुर कार्यालय में 8441 आवेदन आये और 7431 स्वीकृत किये गये और 1,60,169,729 रुपये राशि आवंटित की गयी. पटना क्षेत्रीय कार्यालय में 90148 आवेदन आया, 77946 आवेदन स्वीकृत किया गया और 16,94,452,356 रुपये राशि आवंटित की गयी.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय अपर आयुक्त राजीव भट्टाचार्या ने बताया कि सूबे में लगभग पांच लाख कर्मचारी इपीएफओ के सदस्य हैं.
Posted by Ashish Jha