दरभंगा में पीएचसी ने मोटर बोट को बनाया एम्बुलेंस, ओपीडी में मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध
कोसी, कमला, करेह सहित अधवारा समूह की नदियों की मिलन स्थली जिला का सुदूरवर्त्ती कुशेश्वरस्थान बाढ़ की राजधानी के रूप में चर्चित है. साल के छह से आठ महीने तक यह इलाका समुद्र की तरह नजर आता है.
संतोष कुमार पोद्दार, कुशेश्वरस्थान पूर्वी (दरभंगा). कोसी, कमला, करेह सहित अधवारा समूह की नदियों की मिलन स्थली जिला का सुदूरवर्त्ती कुशेश्वरस्थान बाढ़ की राजधानी के रूप में चर्चित है. साल के छह से आठ महीने तक यह इलाका समुद्र की तरह नजर आता है. नजर की सीमा तक चारों ओर पानी ही पानी. बीच-बीच में गांव-टोले देख तय कर पाना मुश्किल होता है कि पानी के बीच बस्ती बसा दी गयी है या बस्ती में पानी प्रवेश कर गया है.
गांव के एक टोला से दूसरे टोले तक जाने के लिए भी नाव का सहारा लेना पड़ता है. शौच जाने के लिए भी यही साधन. प्रत्येक वर्ष इस विकट अवधि से जूझनेवाले क्षेत्रवासियों की पीड़ा शब्दों में बयां करना मुश्किल है. इस क्षेत्र के लोगों के लिए खाट (चारपायी) स्ट्रेचर है और नाव एम्बुलेंस , जिसके सहारे लोगों (बीमार) की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद चल रही है.
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति एवं परिस्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नाव को एम्बुलेंस बना रखा है. पीएचसी प्रशासन नाव को एम्बुलेंस की सारी सुविधा से लैश कर क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा दे रहा है. नाव के ऊपर कपड़ों आदि से कक्ष की शक्ल दी गयी है, जिसमें उपचार की सुविधा है. इस पर चिकित्सक के साथ अन्य स्वास्थ्यकर्मी तैनात रहते हैं. गांव-गांव जाकर रोगी का उपचार करते हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी में मिलनेवाली प्राय: सभी सुविधा इसमें उपलब्ध है.
मोटर चालित इस नाव एम्बुलेंस में चार सदस्यीय टीम की तैनाती रहती है, जिसमें डॉक्टर, एएनएम व पारा मेडिकल टीम के सदस्य मुस्तैद रहते हैं. सर्दी, खांसी, बुखार सहित डायरिया आदि की दवा उपलब्ध रहती है. गंभीर मरीजों के लिए स्लाइन की भी सुविधा है. स्वास्थ प्रबंधक विनोद कुमार बताते हैं कि सीरियस पेसेंट को इसी एम्बुलेंस के सहारे पीएचसी तक लाया जाता है.
यह नाव एम्बुलेंस कोरोना से जंग में भी महकमा का सहारा बना है. इस एम्बुलेंस से कोविड-19 से बचाव के लिए कर्मी गांव-गांव पहुंचते हैं और लोगों को टीका लगाते हैं. चिकित्सा पदधिकारी डॉ भगवान दास बताते हैं कि मोटर बोट एंबुलेंस से प्रखंड के सभी दस पंचायत के गांव में शिविर लगाकर टीकाकरण तथा कोविड-19 का टेस्ट किया जा रहा है.
अब तक 18 हजार 110 लोगों को टीका दिया जा चुका है. 65 हजार लोगों का अब तक कोविड टेस्ट किया गया है. प्रखंड के 10 पंचायत के 36 राजस्व गांव में 70 गांव तथा 134 वार्ड बाढ़ प्रभावित हैं. आबादी लगभग एक लाख 42 हजार है. इसमें 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों की संख्या 80 हजार के करीब है.
Posted by Ashish Jha