बिहार: पूर्णिया जेल में बंद 24 कैदियों के परिजनों को फोन करके ठगी की कोशिश, इलाज के नाम पर मांगे पैसे

बिहार: पूर्णिया जेल में बंद 24 कैदियों के परिजनों को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाया और उनसे ठगी की कोशिश की गयी. इलाज के नाम पर कैदियों के परिजनों से पैसे मांगे गए. कैदियों के परिजन भागे-भागे जेल पहुंच गए तो इस मामले का खुलासा हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2023 9:05 AM
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पूर्णिया. साइबर अपराधी जेल में बंद बंदियों के परिजन को भी निशाना बनाने का काम शुरू कर दिया है. रविवार को चौंकाने वाले मामले सामने आये. सेंट्रल जेल में बंद 24 बंदियों के परिजनों और उनके वकील को साइबर अपराधियों ने फोन किया. उन्हें सूचना दी गयी कि जेल में बंद उनके परिजन की सेहत खराब है इसलिए इलाज के लिए पैसे जमा करें.

कैदियों के तबीयत खराब होने की कही बात

सेंट्रल जेल में बंद 24 बंदियों के परिजन को साइबर अपराधियों ने एक ही मोबाइल नंबर से फोन कर यह सूचना दी कि उनके रिश्तेदार जो जेल में बंद है, उनकी तबीयत काफी खराब हो गई है. इस वजह से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रुपये देना होगा. साइबर अपराधी बकायदा ऐसे बंदियों के वकील को भी फोन किया. इतना ही नहीं जेल सुपरिंटेंडेंट के अलावा अन्य पदाधिकारियों को भी फोन कर उन्हें भी चूना लगाने का प्रयास किया.

कटिहार में भी घटी थी घटना

बता दें कि ठीक इसी तर्ज पर एक सप्ताह पहले कटिहार मंडल कारा में बंद बंदियों के एक परिजन से साइबर अपराधियों ने बेहतर इलाज करवाने के नाम पर 75 हजार रुपये यह कह कर ठग लिया कि वह कटिहार जेल का जेलर बोल रहा है. रुपये नहीं भेजने पर उनके परिजन को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजा जा सकेगा. रविवार के अहले सुबह सेंट्रल जेल के मुख्य गेट के बाहर परिजनों का तांता लग गया था. इन्हें साइबर अपराधियों ने फोन कर यह सूचना दिया था कि जेल में बंद उनके रिश्तेदार गंभीर रूप से बीमार है.

जेल अधीक्षक ने कैदियों से परिजनों को कराई मुलाकात

इस मामले को लेकर जेल के पदाधिकारी भी हैरत में थे. बाद में जेल के पदाधिकारी ने ऐसे बंदियों को उनके परिजनों से बारी-बारी से मुलाकात करवाया जिन्हें साइबर अपराधियों ने फोन किया था. मामले को लेकर जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा झूठी अफवाह फैला कर ठगी करने की सूचना मिली है. जेल में बीमार हुए बंदियों का इलाज सरकारी स्तर से किया जाता है.जेल में ऐसा कोई बंदी बीमार नहीं है, जिनके परिजनों को साइबर अपराधी ने फोन किया.

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