मिथिला सहित पूरे बिहार के लोगों की आस्था के प्रमुख केंद्र, पावन सिमरिया के विकास एवं सौंदर्यीकरण की जल संसाधन विभाग, बिहार की योजना का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार, 30 मई को संध्या 5 बजे करेंगे.
मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में सिमरिया तीर्थ में लगे कल्पवास मेले में भ्रमण कर श्रद्धालुओं तथा साधु-संतों का फीडबैक लिया था और संपूर्ण कल्पवास क्षेत्र के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार ‘कॉन्सेप्ट प्लान’ की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे. जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार 114.97 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना को 22 मार्च 2023 को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गई. इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इसका शिलान्यास होने जा रहा है. यहां पर्यटन का विकास होने पर आसपास के इलाके में होटल और परिवहन सहित कई तरह के कारोबार एवं रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कुल मिलाकर यह योजना मिथिला सहित संपूर्ण बिहार के लोगों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगी.
बेगूसराय जिले में स्थित सिमरिया घाट में उत्तरवाहिनी गंगा होने के कारण इस तीर्थ का धार्मिक महत्व काफी अधिक है. हर साल कार्तिक मास में यहां कल्पवास मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है. सिमरिया कल्पवास मेले को एक दशक से अधिक से राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त है. यहां वर्ष 2011 में अर्ध कुंभ और 2017 में महाकुंभ का भी आयोजन हो चुका है. इसके अलावा स्नान, मुंडन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए सालोभर काफी श्रद्धालु और साधु-संत सिमरिया आते रहते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था.
जल संसाधन विभाग ने सिमरिया में राजेंद्र सेतु और निर्माणाधीन सिक्स-लेन पुल के बीच में गंगा नदी के बायें तट पर आवश्यकतानुसार उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और शीट पाइलिंग कराते हुए करीब 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट के निर्माण के साथ-साथ में संपूर्ण कल्पवास क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं का निर्माण कराएगा. योजना में रीवर फ्रंट का विकास, स्नान घाट के पास चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा व्यवस्था, गंगा आरती के लिए विनिर्दिष्ट स्थल का निर्माण, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, शौचालय परिसर, धर्मशाला परिसर, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, पाथ-वे एवं प्रकाशीय व्यवस्था इत्यादि का निर्माण शामिल है.
इसके अलावा निर्माणाधीन सिक्स-लेन सेतु से दक्षिण में स्थित मुक्तिधाम, जहां दूर-दूर से लोग शवदाह के लिए पहुंचते हैं, को भी बेहतर बनाया जाएगा. इन सभी कार्यों को शिलान्यास के उपरांत 18 महीने में पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है.
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि हमलोगों का प्रयास है कि सिमरिया धाम को हर की पौड़ी (हरिद्वार) से भी सुंदर बनाया जाये. यह स्थल रेल एवं सड़क मार्ग से जुड़ा है. साथ ही, सिमरिया राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जन्मस्थली के रूप में भी विख्यात है.
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि मुझे विश्वास है, सुविधाओं का विकास होने पर सिमरिया धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा. मिथिला ही नहीं, बिहार और बिहार के बाहर से भी यहां अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे और उन्हें यहां पहुंचकर सुखद अनुभूति होगी.
सिमरिया तीर्थ 18 माह बाद कुछ ऐसा दिखेगा.