Loading election data...

पटना एम्स के शिशु टेली आईसीयू काउंसेलिंग सेवा से जुड़ेंगे 11 जिलों के पीकू वार्ड, बीमार नहीं होंगे रेफर

मौसमी बीमारी एइएस व जेइ बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए एम्स पटना से टेली काउंसेलिंग की सेवाएं ली जायेंगी. राज्य के 11 जिलों में स्थापित शिशु गहन देखभाल इकाई (पीकू) को एम्स से जोड़ने को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे गंभीर रूप से बीमार बच्चों की जान बचायी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2022 7:14 PM

पटना. मौसमी बीमारी एइएस व जेइ बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए एम्स पटना से टेली काउंसेलिंग की सेवाएं ली जायेंगी. राज्य के 11 जिलों में स्थापित शिशु गहन देखभाल इकाई (पीकू) को एम्स से जोड़ने को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे गंभीर रूप से बीमार बच्चों की जान बचायी जायेगी.

पीकू को किया जा रहा है और भी सुदृढ़

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि गंभीर, एईएस एवं जेई से पीड़ित बच्चों के त्वरित एवं उचित इलाज के लिए 11 जिलों में स्थापित पीकू को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है. यहां पर भर्ती होनेवाले बच्चों के इलाज के लिए विशेषज्ञों से सलाह के लिए टेली मेडिसीन की सुविधा दी जायेगी. पीकू में एईएस एवं जेई के साथ-साथ एक माह से 12 साल तक के गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जायेगा.

16 अप्रैल से दिया जा रहा है प्रशिक्षण

श्री पांडेय ने बताया कि जिला अस्पताल स्तर पर स्थापित पीकू में काम करनेवाले शिशु रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ एवं लैब टेक्निसियन को 16 अप्रैल से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 25 अप्रैल तक अलग-अलग अस्पतालों में चलेगा. शिक्षण के लिए छह जिलों के जिला अस्पताल को चिह्नित किया गया है. इनमें जिला अस्पताल गोपालगंज में 16, समस्तीपुर में 18 और वैशाली में 19 अप्रैल को प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है.

नहीं करना पड़ेगा बच्चों को कहीं बाहर रेफर

21 अप्रैल को पूर्वी चंपारण, 22 अप्रैल को सीतामढ़ी और 25 अप्रैल को जिला अस्पताल मुजफ्फरपुर में प्रशिक्षण दिया जायेगा. पीकू वार्ड में टेली आइसीयू काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध होने से बेहतर चिकित्सा के लिए बच्चों को कहीं बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा. एम्स, पटना से जिलों को शिशु टेली आईसीयू कंसलटेशन सेवा से जोड़ा जायेगा. इसके बाद बिहार के सभी 11 जिलों के मरीजों को सीधा संपर्क एम्स के बेहतरीन डॉक्टरों से हो जायेगा और मरीजों को बेहतर ईलाज मिलेगा. सरकार के इस कदम से बच्चों की जान बचाने के प्रयास को बल मिलेगा.

Next Article

Exit mobile version