गया के पितृपक्ष मेले में तीर्थयात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, मिथिला पेंटिंग से सजेगा सीता पथ व गयाजी डैम
बिहार के गया में लगने वाले राजकीय पितृपक्ष मेला में इस बार आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. मेले में इस बार लोगों को मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित सीता पथ व गयाजी डैम देखने को मिलेगा. हो रही तैयारियों के बारे में जानिए इस रिपोर्ट से...
आश्विन मास में इस बार गया में आयोजित होने वाले 17 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय व राजकीय पितृपक्ष मेले में तीर्थयात्रियों को बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. शहर की साफ-सफाई, लाइटिंग, सौंदर्यीकरण के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं. 28 सितंबर से शुरू हो रहे इस मेले के लिए दो महीने से ज्यादा का समय बचा हुआ है. ऐसे में अभी से ही हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई है ताकि वक्त पर सभी कार्य पूरे हो सके.
28 सितंबर से 14 अक्तूबर तक चलेगा पितृपक्ष मेला
इसी क्रम में गया के डीएम डॉ त्यागराजन ने पूर्व में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने देवघाट विष्णुपद व अन्य क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान कहा कि पितृपक्ष मेले के सफल आयोजन के लिए गया जिला प्रशासन पूरी तरह से कृत संकल्पित है. 28 सितंबर से 14 अक्तूबर तक होने वाले पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. इसके लिए हर स्तर से तैयारियां की जा रही है. डीएम ने सीता कुंड, सीता पथ, गयाजी डैम, देवघाट, गजाधर घाट, सूर्यकुंड का रास्ता, विष्णुपद मंदिर प्रांगण, तुलसी बाग व कई अन्य क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने तीर्थयात्रियों की सुविधा की बेहतरी के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को निर्देशित भी किया.
गयाजी डैम में वर्तमान में औसतन नौ फ़ीट पानी
सीता कुंड निरीक्षण के दौरान डीएम ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि टूटे टाइल्स को अभी से ही ठीक कराना शुरू करवाएं. कार्यपालक अभियंता गयाजी डैम से उन्होंने जानकारी ली कि कितने स्थानों से सीता पथ में बने अंडरग्राउंड नाले में वार्ड संख्या 53 के नाले मिल रहे हैं. इसपर अभियंता ने बताया कि कुल रास्ते का नाला मेन में जोड़ा गया है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने डीएम से अनुरोध किया कि नाला का पानी जमा हो जा रहा है. नाली के ऊपरी सरफेस को बड़ा कराने की आवश्यकता है. इस पर डीएम ने संबंधित विभाग के पदाधिकारी को सात दिनों के भीतर काम सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. डीएम ने बताया कि गयाजी डैम में वर्तमान में औसतन नौ फ़ीट पानी भरा हुआ है. सीता पथ पर भम्रण के दौरान डीएम ने नगर निगम को जरूरत के अनुसार लाइट लगाने का निर्देश दिया. पीएचडी विभाग को टॉयलेट, चेंजिंग रूम व पेयजल व्यवस्था कराने का निर्देश दिया.
गयाजी डैम को निरंतर साफ रखने का निर्देश
इस दौरान डीएम ने सिटी डीएसपी, मानपुर व विष्णुपद थानाध्यक्ष को सीता पथ व सीता पुल व समुचित विधि-व्यवस्था बहाल रखने का निर्देश दिया. साथ ही आसपास के क्षेत्र में विधि-व्यवस्था को बहाल रखने के लिए डीएम की ओर से तत्काल चार होमगार्ड की व्यवस्था भी की गयी. उन्होंने गयाजी डैम को पितृपक्ष मेला के समय निरंतर साफ रखने के लिए विचार व कार्य योजना तैयार करने का नगर आयुक्त को निर्देश भी दिया. डैम के पास बने पुल की उत्तर दिशा में जमा गंदा पानी को साफ कराने के लिए कहा.
डस्टबिन लगाने के लिए नगर आयुक्त को दिया निर्देश
डीएम ने कार्यपालक अभियंता एलएइओ को श्मशान घाट, देवघाट, गजाधर घाट होते हुए गयाजी डैम तक के सभी टूटे टाइल्स को ठीक कराने का निर्देश दिया. गजाधर घाट के आगे गयाजी डैम की सीढ़ी के समीप जमे पानी को तुरंत हटाने, देवघाट व सटे अन्य घाटों में तर्पण करने वाले क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में 240 लीटर क्षमता वाले डस्टबिन लगाने के लिए नगर आयुक्त को निर्देशित किया. इस दौरान देवघाट के पास पोल में लटक रहे तार को तुरंत ऊंचा कराने को कहा. वहीं देवघाट में घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़कर गौशाला में रखने का निर्देश डीएम ने नगर आयुक्त को दिया. घाट पर दो पहिया वाहन को नहीं ले जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया.
मेला क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त रखने का निर्देश
डीएम ने विष्णुपद मंदिर जाने के रास्ते को अतिक्रमण मुक्त रखने का सदर एसडीओ व नगर आयुक्त को निर्देशित किया. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया. साथ ही संवास सदन की जमीन में हो रहे अवैध कंस्ट्रक्शन की जांच कर अतिक्रमण कारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. इस क्रम में नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, सहायक समाहर्ता, वरीय उप समाहर्ता पर्यटन, वरीय उप समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी पितृपक्ष मेला, संबंधित विभागों के पदाधिकारियों, विष्णुपद के पुरोहितों सहित कई अन्य सहायक पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
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मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित होगा सीता पथ व गयाजी डैम
पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से आने वाले तुलसी यात्री को इस बार मेला क्षेत्रों में मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियों देखने को मिलेगी. बिहार सरकार व जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह संभव होगा. शहर में पिंडदान व तर्पण करने के लिए विष्णुपद मंदिर पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करने के लिए सीता पथ व गयाजी डैम के किनारे बनी चारदीवारी को मिथिला पेंटिंग से सजाया जायेगा. यह पेंटिंग तीर्थ यात्रियों के माध्यम से बिहार की कला की ब्रांडिंग का एक स्रोत होंगी. अधिक-से-अधिक तीर्थ यात्रियों को गयाजी आने व अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ‘पिंडदान’ व ‘तर्पण’ करने के लिए आकर्षित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार व जिला प्रशासन सुविधाओं को उन्नत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
रबर डैम में भरा लबालब पानी
जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत सीता पथ का निर्माण, सीता पथ के नीचे भूमिगत जल निकासी, सीता पथ के किनारे चारदीवारी का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा देव घाट पर लगे टाइल्स को भी बदला जा रहा है. सीता पथ व देव घाट पर बहुत जल्द लाइट लगायी जायेगी. सीता पथ की तरफ दो बड़े आकार का घाट का निर्माण कराया गया है, ताकि पितृपक्ष मेले के साथ साथ छठ पर्व में भी लोग धार्मिक अनुष्ठान कर सके. गया जी डैम एक बार फिर से लबालब पानी से भर गया है. यहां तीर्थयात्री ‘पिंडदान’ अनुष्ठान व ‘तर्पण’ करने से पहले डुबकी लगा सकते हैं. उन्होंने बताया कि तलहटी में जमा गाद की सफाई के लिए इस वर्ष फरवरी में डैम से पानी निकाला गया था.
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पितृपक्ष मेला क्षेत्र की सफाई पर खर्च होंगे 1.52 करोड़ रुपये
इधर, पितृपक्ष मेले को लेकर गया नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में सफाई के साथ अन्य व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपये की सामग्री की खरीद पर चर्चा हुई. बैठक में हाथ ठेला, एनिमल कैचर मशीन के साथ डॉग स्टेबिलाइजर मशीन, ट्राइ साइकिल आदि खरीद की योजना तैयार की गयी है. पितृपक्ष मेले को लेकर कई अहम फैसले सदस्यों ने बैठक में लिये हैं. पितृपक्ष मेला क्षेत्र में आउट सोर्सिंग के माध्यम से सफाई करने के लिए प्रस्ताव को भी पारित कर लिया गया है. इसमें शर्त रखी गयी है कि पहले के टेंडर के अनुरूप ही इस बार भी टेंडर किया जाये. आउट सोर्सिंग के माध्यम से मेला क्षेत्र में 32 दिनों तक साफ-सफाई करायी जायेगी. इसमें नगर निगम को एक करोड़ 51 लाख 90 हजार रुपये खर्च करना होगा. मेयर ने कहा कि तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को ख्याल रखते हुए आउट सोर्सिंग के तहत साफ-सफाई का काम किया जाना सही रहेगा. इससे तीर्थयात्रियों को परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही निगम के 53 वार्डों में नाली-गली आदि को बनाने पर विचार किया गया.
शहर में लाइट की होगी चकाचक व्यवस्था
शहर में लाइटिंग की व्यवस्था को लेकर बैठक में विचार किया गया. इसमें सशक्त स्थायी समिति के सदस्य सह पूर्व डिप्टी मेयर अखौरी ओंकारनाथ ने कहा कि शहर में 20 हाइमास्ट लाइट लगायी जायेगी. प्रत्येक लाइट 16 मीटर लंबी होगी. साथ ही गयाजी डैम स्थित माता सीता पथ पर भी एलइडी लाइट लगेगी. वहीं चांदचौरा मोड़ से लेकर विष्णुपद मंदिर तक रोप लाइट लगायी जायेगी. इसके साथ अन्य वार्डों में एलइडी लगाने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि इइएसएल कंपनी को बार-बार हिदायत देने के बाद भी लाइट नहीं लगायी जा रही है. इसके बाद भी उनके माध्यम से काम नहीं किया जा रहा है. अब निगम के सामने मजबूरी है कि लाइट को व्यवस्थित करे.
साफ-सफाई को लेकर खरीदा जायेगा उपकरण
पितृपक्ष मेला को देखते हुए शहर की साफ-सफाई को लेकर कई उपकरण खरीदने का निर्णय सदस्यों ने लिया है. इसमें 212 पीस हाथ ठेला, 175 पीस रिक्शा ठेला व ट्राइ साइकिल 175 पीस, एक एनिमल कैचर गाड़ी, एक डॉग स्टेबिलाइजर मशीन, हाजिरी बनाने के लिए बायोमीटरिक मशीन आदि शामिल हैं.
नगर निगम पूरी तरह से होगा डिजिटल मूड में
नगर निगम कार्यालय को डिजिटल मूड बनाने के लिए बैठक में सभी सदस्यों ने निर्णय लिया है. नगर आयुक्त ने कहा कि मकान के कर लोग डिजिटल मूड में दे रहे हैं. इसी तरह नक्शा शाखा, राजस्व शाखा समेत अन्य शाखाओं को डिजिटल मूड किया जायेगा. इससे शहर के लोगों को किसी तरह की जानकारी आसानी से मिल जायेगी.
तालाबों का होगा सौंदर्यीकरण
शहर में स्थित तालाबों को सौंदर्यीकरण करने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया. सौंदर्यीकरण काम मानपुर स्थित सूर्य पोखरा एवं गोदावरी सरोवर का किया गया जायेगा. हृदय योजन से किये गये तालाबों के सौंदर्यीकरण का रखरखाव आउट सोर्सिंग से किया जायेगा. वहीं शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सदन में बल दिया गया. इसके लिए शहर के कई स्थानों पर यंत्र लगाने का निर्णय लिये गये.