पितृपक्ष मेले में तीर्थयात्रियों को मिलेंगी कई नयी सुविधाएं, मंदिर प्रांगण में फोन ले जाने पर नहीं रहेगी रोक

तीर्थ यात्रियों को पितृपक्ष मेले में इस बार श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति द्वारा कई नयी सुविधाएं मिलेंगी. पिछले वर्ष संपन्न मेले में तीर्थयात्रियों को हुई परेशानियों से सबक लेने के बाद समिति द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.

By Anand Shekhar | September 7, 2023 4:04 PM

ज्ञान और मोक्ष की भूमि गया की पावन धरती पर 29 सितंबर से पितृपक्ष मेला लगेगा. इसके लिए जोर-शोर से तैयारी चल रही है. इस वर्ष पिंड दान करने के लिए पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति द्वारा कई नयी सुविधाएं दी जाएगी. पिछले वर्ष संपन्न मेले में तीर्थयात्रियों को हुई परेशानियों से सबक लेने के बाद समिति द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.

मंदिर से निकास के लिए तीसरा द्वारा बनकर हो गया तैयार

मंदिर प्रांगण में होने वाली भीड़ के नियंत्रण के लिए अलग से 10 फुट चौड़ा एक निकास द्वारा बनवाया गया है, जिसका निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है. अब केवल दरवाजे को डेकोरेट कराया जाना बाकी है. इस नये निकास द्वार पर दिव्यांगों को आने-जाने के लिए अलग से ढाल भी बनवाया गया है. इसके अलावा मंदिर के उत्तरी प्रवेश द्वार की उबड़-खाबड़ जमीन की मरम्मत करायी जा रही है.

श्रीलक्ष्मी-नारायण भोजनालय की छत पर बनवाया जा रहा शेड

मंदिर प्रांगण में संचालित श्रीलक्ष्मी-नारायण भोजनालय की छत पर कोलकाता के एक तीर्थयात्री के सहयोग से शेड बनवाया जा रहा है. वहीं कुछ दिन पहले मंदिर की सुंदरता के लिए कोलकाता के ही एक तीर्थयात्री द्वारा चांदी की छतरी डोनेट किया, जिसे भगवान श्रीविष्णु चरण के ऊपर पहले से झूल रही बड़ी छतरी के नीचे लगाया गया है.

विधि-व्यवस्था के लिए लगाये जायेंगे 20 अतिरिक्त कर्मचारी

नियमित कर्मचारियों के अलावा पितृपक्ष मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा व सहायता के लिए 20 अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करने व सीसीटीवी कैमरे की संख्या में भी बढ़ोतरी करने निर्णय लिया गया है. वर्तमान में पूरे मंदिर परिसर में 22 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. पूरे मंदिर परिसर की सफाई व पानी की व्यवस्था के लिए समिति द्वारा विशेष कार्य योजना बनाया जा रहा है.

साफ-सफाई के साथ करायी जा रही रंगाई-पुताई

28 सितंबर से शुरू हो रहे 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले का समापन 14 अक्तूबर को होगा. इस आयोजन को लेकर विष्णुपद मंदिर सहित शहर के अलग-अलग क्षेत्र में स्थित सभी वेदी स्थलों की साफ-सफाई के साथ रंगाई-पुताई भी करायी जा रही है. इसके साथ ही मां मंगला गौरी मंदिर के पास स्थित भीम गया व कागबली वेदी के टूटे-फूटे हिस्से का मरम्मत भी हो रहा है.

विष्णुपद मंदिर प्रांगण में मोबाइल फोन ले जाने पर नहीं रहेगी रोक

विष्णु पद मंदिर प्रांगण व गर्भ गृह में मोबाइल फोन ले जाने पर सालों भर मनाही रहती है. श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन की सुरक्षा के ख्याल से समिति द्वारा करीब दो सौ लॉकर बनवाये गये हैं. 10 रुपये की शुल्क पर मोबाइल फोन श्रद्धालु इन लॉकरों में रखते हैं. पिछले वर्ष पितृपक्ष मेले में भी यह नियम लागू था, लेकिन तीर्थयात्रियों की तुलना में लॉकरों की संख्या कम होने से तीर्थयात्रियों को हुई असुविधा के बाद समिति द्वारा इस बार आयोजित होने वाले पितृपक्ष मेले के दौरान इस नियम में बदलाव किया गया है. इस बार देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री भी मंदिर प्रांगण तक मोबाइल फोन ले जा सकेंगे.

देवघाट पर पिंड डालने के लिए बने नाद की नियमित सफाई जरूरी

समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने कहा कि फल्गु नदी व गयाजी डैम की सफाई को मेंटेन रखने के लिए प्रशासनिक स्तर पर देवघाट पर पिंड डालने के लिए जो नाद बनाये गये हैं, उसकी सफाई की व्यवस्था नहीं की गयी है. आम दिनों तीर्थयात्रियों की संख्या सैकड़ो में पहुंचती है. लेकिन पितृपक्ष मेले में इनकी संख्या प्रतिदिन हजारों का आंकड़ा पार कर जाता है. ऐसे में प्रतिदिन नाद की सफाई जरूरी है. इसके लिए नल व नाद के निचले हिस्से से एक नाली नुमा निकास का होना जरूरी था. इन कर्मियों की वजह से नाद को साफ रख पाना संभव नहीं हो सकेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि यह व्यवस्था नहीं हुई तो जागरूकता के लिए जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाया जायेगा जिसमें नाद में ही पिंड डालने की अनुरोध होगी.

तैयारी की डीएम लगातार कर रहे समीक्षा

डीएम डॉ एसएम त्यागराजन ने विभिन्न राज्यों से आनेवाले पिंडदानियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक टीम तैयार रखने तथा अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था मुकम्मल रखने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने शहरी क्षेत्र सहित सड़क मार्ग में आने के वाले सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों तथा दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने का निर्देश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया है. उन्होंने बताया पितृपक्ष के मद्देनजर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव भी किया गया है. इसके अलावा फॉगिंग भी करायी जा रही है. सभी दुकानदारों को अपने दुकान व आसपास सफाई बरतने का निर्देश दिया है.

मेडिकल सपोर्ट के लिए 102 हेल्थ कैंप लगाये जायेंगे

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि पितृपक्ष मेला के दौरान सभी आठ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 11 बजे से सात बजे तक काम करेंगे. पितृपक्ष मेला के दौरान 102 स्वास्थ्य कैंप तैयार किये गये हैं. इनमें पांच स्वास्थ्य कैंप 24 घंटे काम करेंगे. 18 स्वास्थ्य कैंप 12 घंटे काम करेंगे तथा 66 स्वास्थ्य कैंप आठ घंटे संचालित किये जायेंगे. पांच मोबाइल रिस्पांस टीम बनायी गयी है. इन स्वास्थ्य शिविरों में 132 चिकित्सक, 213 पैरामेडिकल स्टाफ तथा 53 अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी होगी.

66 जगहों पर आवासन शिविर

पितृपक्ष के दौरान आठ एडवांस तथा चार बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. 66 जगहों पर पिंडदानियों के आवासन शिविर बनाये गये हैं जहां पर चिकित्सकों का दल मौजूद रहेगा. बताया कि जेपीएन अस्पताल में हेल्थ कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिला अस्पताल में 70 बेड विशेष रूप से पिंडदानियों के इलाज के लिए लगाये गये हैं. पिंडदानियों के लिए मिलावटी खानपान तथा इससे होने वाले स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणामों को रोकने के लिए पांच फूड इंस्पेक्टर खाद्य पदार्थों का निरीक्षण करेंगे.

24 घंटे काम करने वाले स्वास्थ्य शिविर

निगमा बोधगया, गया कॉलेज खेल परिसर, विष्णुपद मंदिर, रेलवे स्टेशन, टेंट सिटी गांधी मैदान, आइडीएच हॉस्पिटल के स्वास्थ्य शिविर 24 घंटे तक काम करेंगे. इसके अलावा 6:00 सुबह से 10:00 रात तक संचालित हेल्थ कैंप संवास सदन समिति, प्रेतशिला, टिल्हा धर्माशाला, महाबोधी मंदिर, ब्रह्मयोनि, देवघाट, घुघरीटांड, रामशीला, प्रेतशीला पहाड़, केंदुई बस अड्डा, अक्षयवट, सिकरिया मोड़, आइटीआइ परिसर में होगा.

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बोधगया के वेदी स्थलों पर शुरू हुआ काम

पिंडदानियों की सुविधा को लेकर बोधगया स्थित पिंडवेदियों पर भी जन सुविधाओं से जुड़े कार्य शुरू करा दिये गये हैं. डीएम डॉ त्यागराजन ने पिंडवेदियों की स्थिति का जायजा लेने के बाद धर्मारण्य, मतंगवापी व सरस्वती में जरूरी कार्यों को पितृपक्ष से पहले संपन्न करा लेने का निर्देश दिया था. इसके आलोक में बोधगया नगर पर्षद के माध्यम से मतंगवापी मंदिर परिसर के बाहरी क्षेत्र में जीर्णशीर्ण हो चुके चहारदीवारी का निर्माण शुरू हो चुका है. साथ ही, मतंगवापी स्थित सरोवर के पूर्वी हिस्से में ध्वस्त हो चुके चहारदीवारी भी बताया जायेगा. इसके साथ ही धर्मारण्य पिंडवेदी पर साफ-सफाई के अलावा पार्किंग स्थल, शौचालय व स्नानघर की व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. इसके आलोक में भी कार्य कराया जाना है. इस संबंध में बोधगया नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि पिंडवेदियों पर साफ-सफाई के साथ ही चहारदीवारी व अन्य कार्यों पर काम शुरू हो चुका है. जल्द ही बिजली व अन्य सुविधाओं को बहाल करने की दिशा में काम शुरू करा दिये जायेंगे.

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