पटना. बिहार के सभी शहरों में किचेन तक पाइप से गैस की सप्लाई की योजना पर काम चल रहा है. अभी बिहार में ऐसी 8 परियोजनाओं पर काम हो रहा है. अगले पांच से सात साल में बिहार के सभी शहरों में पाइपलाइन से रसोई गैस की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन बिहार में चल रही कई परियोजनाएं समय से नहीं चल रही है. 2024 तक पूरी हो जानेवाली परियोजनाएं अब 2028 तक पूरी होने की बात कही जा रही है. मुजफ्फरपुर समेत कई शहरों में चल रहीं परियोजनाएं अपनी डेडलाइन से तीन माह से डेढ़ साल तक लेट चल रही है. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन की 8 परियोजनाओं में सात का काम आईओसीएल (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड) देख रही है.
इधर, राजधानी पटना में पाइपलाइन बिछाने का काम गेल के जिम्मे हैं. लागत के आधार पर देखा जाये तो सबसे अधिक लागत समस्तीपुर – मुजफ्फरपुर – वैशाली – सारण प्रोजेक्ट का है. इसकी कुल लागत 2996 करोड़ है. इन चारों जिलों में फरवरी 2028 तक पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लेने की बात कही जा रही है. लेकिन, जमीन से लेकर अन्य बाधाओं को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह परियोजना तय समय पर पूरा कर लिया जायेगा. वैसे अब इसके लिए नयी डेडलाइन अगस्त 2029 तय की गयी है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर-मोतिहारी एलपीजी पाइपलाइन बिछाने का काम भी मार्च 2023 में पूरा हो जाएगा. 403 करोड़ की इस परियोजना का काम दिसंबर 2022 में ही पूरा होना था.
इसी प्रकार, पटना में 359.25 करोड़ की लागत से गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) पाइपलाइन बिछा रही है. पाइपलाइन बिछाने का काम सबसे पहले पटना में ही शुरू हुआ, जिसे अक्टूबर 2022 में पूरा होना था, लेकिन अब ये परियोजना अक्टूबर 2023 में पूरा होगी. यह प्रोजेक्ट भी 12 माह लेट पूरा हो चुका है. पेट्रोलियम मंत्रालय के पूरे देश में 150 से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं. बिहार-झारखंड में 12 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसमें 8 बिहार और 4 झारखंड के हैं.