Pitru Paksha 2022 में नहीं हो सकते शामिल तो घर से करें ऑनलाइन पिंडदान,बिहार सरकार जाने क्या दे रही सुविधा

बिहार सरकार इस बार पितृपक्ष मेला के लिए कई पैकेज लेकर आयी है. इन पैकेज में ऑनलाइन पिंडदान की भी सुविधा दी जा रही है. अगर कोई व्यक्ति गया आकर पिंडदान नहीं कर सकता तो वो इस सुविधा का लाभ ले सकता है. मेले को देखते हुए सरकार के द्वारा 6 पैकेज की घोषणा की गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2022 2:59 PM

गया में पितृपक्ष मेले को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है. हिन्दू मान्यता के अनुसार यहां आकर पिंडदान करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है. गया में पिंडदान फल्गु नदी में की जाती है. पितृपक्ष में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री मेला क्षेत्र में अपने पुर्वजों की आत्म की शांति के लिए पहुंचते हैं. इसे देखते हुए बिहार सरकार के द्वारा छह टूर पैकेज की शुरुआत की गयी है. श्रद्धालु इन टूर पैकेज को ऑनलाइन बुक करा सकते हैं. इसकी पूरी जानकारी बिहार राज्य पर्यटन विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.

21,500 में होगा ऑनलाइन पिंडदान

बिहार सरकार की तरफ से इस बार ई-पिंडदान की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. कई ऐसे लोग हैं जो किसी कारण से मेले में शामिल होकर अपने पुरवजों का पिंडदान नहीं कर सकते हैं. कई लोग विदेश में होने के कारण भी पिंडदान नहीं कर पाते हैं. ऐसे लोगों के लिए ई-पिंडदान सेवा शुरु की गयी है. सरकार के द्वारा इसके लिए केवल 21,500 रुपये का चार्ज रखा गया है. इसमें 3 जगहों पर पिंडदान होगा. पिंडदान की पूरी पूजा विधि-विधान के साथ संपन्न करायी जाएगी. इसका बकायदा वीडियो बनाकर श्रद्धालु को भेजा जाएगा.

सरकार ने शुरु की टूर पैकेज

बिहार राज्य पर्यटन विभाग के द्वारा पिंडदान के बाद बोधगया, नालंदा, राजगीर और पटना घुमने की भी सुविधा है. ये पैकेज एक रात और दो दिन का है. इसके लिए बोधगया, नालंदा, राजगीर और पटना घुमने की भी सुविधा है. यह पैकेज एक रात और 2 दिनों का है. इसमें कैटेगरी वन में 1 व्यक्ति के लिए 20,025 रुपये, 2 व्यक्ति के लिए 20,665 रुपये और 4 व्यक्तियों के लिए आपको 38,720 रुपये देने होंगे. वहीं इस पैकेज के दूसरे कैटेगरी में 1 व्यक्ति के लिए 18, 975 रुपये, 2 व्यक्ति के लिए 19,605 रुपये और 4 व्यक्ति के लिए 36,620 रुपये देने होंगे.

9 से 25 सितंबर तक होगा पिंडदान

बिहार के गया में 9 से 25 सितंबर तक पितृपक्ष मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में तीर्थयात्री हजारों वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हुए पिंडदान करेंगे. बताया जाता है कि लोग पहले पिंडदान पुनपुन में करते हैं इसके बाद फिर गया में किया जाता है.

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