पितृपक्ष मेला 2023ः विष्णुपद प्रांगण में पंडाल सज-धज कर तैयार, तीर्थयात्रियों का पहुंचने लगा जत्था
प्रशासन की माने तो विष्णुपद, देवघाट, अक्षय वट, प्रेतशिला सहित सभी 54 वेदी स्थलों पर बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा, सहायता सहित अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं तीर्थयात्रियों को उपलब्ध होगी.
तीर्थस्थली गयाजी में 28 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 को लेकर विष्णुपद प्रांगण भव्य पंडाल बनाया गया है. यह पंडाल पूरी तरह सज धज कर तैयार हो गया है. इस पितृपक्ष मेले का विधिवत उद्घाटन 28 सितंबर को होगा. इस मेले में शामिल होने के लिए तीर्थयात्रियों का जत्था बुधवार से ही पहुंचने लगा है. पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को बुनियादी जरूरतों से न जूझना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. प्रशासन की माने तो विष्णुपद, देवघाट, अक्षय वट, प्रेतशिला सहित सभी 54 वेदी स्थलों पर बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा, सहायता सहित अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं तीर्थयात्रियों को उपलब्ध होगी. धूप व बरसात से बचाव को लेकर ब्रह्मसत, देवघाट प्रेतशिला सहित कई अन्य वेदी स्थलों पर पंडाल भी बनवाया गया है.
गयाजी धाम आनेवाले श्रद्धालुओं की समुचित सुविधा का ख्याल : संजय झापितृपक्ष मेले का शुभारंभ आज (गुरुवार) को होगा. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को बयान जारी कर बताया कि गयाजी धाम आनेवाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को समुचित सुविधा मिले, इसके प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शुरू से विशेष ध्यान रहा है. इस वर्ष भी महासंगम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कार्य कराये गये हैं. झा ने कहा कि फल्गु नदी में पानी नहीं होने से पिंडदान व स्नान-तर्पण आदि में काफी परेशानी होती थी. श्रद्धालुओं को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने रबर डैम का निर्माण कराया गया. मंत्री ने बताया है कि बिहार में पहली बार परंपरागत कंक्रीट डैम के स्थान पर अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित रबर डैम का निर्माण कराया गया है, जिसका पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
मंत्री ने बताया है कि गयाजी धाम में पिंडदान के उद्देश्य से आने वाले श्रद्धालुओं को फल्गु नदी के दायें तट पर स्थित सीताकुंड तक जाने-आने में सुविधा हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने रबर डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा पैदल स्टील पुल का निर्माण कराया है, जिसे मां सीता पुल नाम दिया गया है. श्रद्धालुओं को फल्गु नदी में स्नान एवं तर्पण करने में सुविधा हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा विष्णुपद मंदिर की तरफ के घाट का जीर्णोद्धार एवं विस्तार कराया गया है, जबकि सीताकुंड की तरफ नये घाट का निर्माण कराया गया है. विभाग ने अपने अधिकारीगण एवं अभियंताओं के सुनियोजित प्रयासों के कारण गयाजी धाम में रबर डैम एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा कराया.
पिछले साल पितृपक्ष महासंगम के दौरान गया पहुंचे 12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रबर डैम एवं अन्य कई सुविधाओं का लाभ उठाया था. मंत्री ने बताया है कि गया शहर के निवासियों द्वारा घरेलू कार्य के लिए उपयोग किये जाने वाले जल का निस्तारण पहले विष्णुपद मंदिर के अपस्ट्रीम में मनसरवा नाला के माध्यम से होता था. इससे श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी जल की स्वच्छता पर विपरीत असर पड़ता था. इस समस्या के निवारण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा फल्गु के बायें तट पर 752 मीटर लंबाई में मनसरवा नाला के साथ-साथ 250 मीटर लंबाई में कंक्रीट घाट का भी निर्माण कराया गया है.
भीड़ नियंत्रण के लिए वाॅकी-टॉकी के साथ पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्तिपितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से आनेवाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बुधवार की सुबह डीएम डॉ त्यागराजन ने मेला क्षेत्र का पैदल घूम कर निरीक्षण किया. देवघाट, संगत घाट, गयाजी डैम, श्मशान घाट, मंदिर परिसर व संकीर्ण गलियों सहित अन्य बिंदुओं पर प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, जोनल व सेक्टर पदाधिकारियों, महिला दंडाधिकारियों को अपने जोन में पूरी सक्रियता से आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को सहयोग करने को कहा. उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आनेवाले तीर्थ यात्री ज्यादातर ओल्ड एज व वृद्धा अवस्था वाले रहते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए पूरी विनम्रता के साथ व्यवहार करें. संकीर्ण गलियों में एकाएक जाम नहीं हो, इसके लिये लगातार यात्रियों को एक फ्लो के साथ निकालते रहे.
इस वर्ष पहली बार वाॅकी टॉकी के माध्यम से विभिन्न निकास द्वार, इंट्री पॉइंट, घाट एवं संकीर्ण गलियों में वाॅकी टॉकी के साथ पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है, ताकि वे अपनी पूरी निगरानी में यात्रियों के भीड़ को देखते हुए कतारबद्ध तरीके से मंदिर एवं घाट में भेजा जा सके. संकीर्ण गलियों एवं मंदिर परिसर में फिसलन न हो. इसके लिये पूरी सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है. डीएम ने सभी वॉकी-टॉकी के साथ प्रतिनियुक्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया की क्राउड मैनेजमेंट सबसे प्रमुख रहेगा. इसे पूरी तत्पर्यता के साथ अनुपालन करायेंगे. डीएम ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार का कोई ह्रास नहीं किया जाये. इसे सुनिश्चित करें. सभी तीर्थ यात्रियों के साथ अच्छा एवं मधुर व्यवहार रखें. विष्णुपद मंदिर के इर्द-गिर्द देव घाट के जाने वाले रास्ते काफी संकीर्ण है. इन सभी बिंदु को चौक पॉइंट चिह्नित किया गया है तथा भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से अतिरिक्त पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की टीम रखी गई है, ताकि कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो सके.