18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Pitru Paksha 2022: गया में कब से शुरू होगा श्राद्ध और पिंडदान, पितृपक्ष में भूलकर भी न करें ये काम

Pitru Paksha 2022: गया में श्राद्ध कर्म और पिंडदान का विशेष महत्व है. गया जी में हर साल लाखों की संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं. मान्यता है कि गया जी में विधि विधान से पिंडदान करने पर मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष या पितृपक्ष का बेहद खास महत्व होता है. पृतृपक्ष इस साल 10 सितंबर 2022 दिन शनिवार से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर 2022 तक रहेगा. इस दौरान अपने पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध किया जाता है. पितृ पक्ष वर्ष का विशेष समय होता है. माना जाता है कि भाद्रपद मास के दौरान पूर्णिमा से अमावस्या तक 16 दिनों तक हमारे मृत पूर्वजों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं. इसलिए इस अवधि के दौरान, श्राद्ध अनुष्ठान करने में मदद करने वाले ब्राह्मण पुजारियों को भोजन, कपड़े और दान दिया जाता है. इसके साथ ही गाय, कुत्ते और कौवे को भी भोजन कराया जाता है.

जानें गया जी में पिंडदान करने का महत्व

गया में श्राद्ध कर्म और पिंडदान का विशेष महत्व है. गया जी में हर साल लाखों की संख्या में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं. मान्यता है कि गया जी में विधि विधान से पिंडदान करने पर मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु यहां पर जल के रूप में विराजमान हैं. गरुण पुराण में भी गया में पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है. पितृपक्ष के दौरान गया जी में हर साल लाखों लोग अपने-अपने पितरों का स्मरण करते हैं और उनकी आत्म तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म करते है. पितरों की आत्म तृप्ति से व्यक्ति पर पितृ दोष नहीं लगता है. उस परिवार की उन्नति होती है और पितरों के आशीर्वाद से वंश वृद्धि होती है. इसके साथ आर्थिक तंगी से भी छूटकारा मिलती है.

Also Read: Pitra Dosh Upay: पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी, बनेगा बिगड़ा काम
पितृपक्ष में श्राद्ध करने की तिथियां

  • पूर्णिमा श्राद्ध- 10 सितंबर

  • प्रतिपदा श्राद्ध- 11 सितंबर

  • द्वितीया श्राद्ध- 12 सितंबर

  • तृतीया श्राद्ध- 13 सितंबर

  • चतुर्थी श्राद्ध- 14 सितंबर

  • पंचमी श्राद्ध- 15 सितंबर

  • षष्ठी श्राद्ध- 16 सितंबर

  • सप्तमी श्राद्ध- 17 सितंबर

  • अष्टमी श्राद्ध- 18 सितंबर

  • नवमी श्राद्ध- 19 सितंबर

  • दशमी श्राद्ध- 20 सितंबर

  • एकादशी श्राद्ध- 21 सितंबर

  • द्वादशी श्राद्ध- 22 सितंबर

  • त्रयोदशी श्राद्ध- 23 सितंबर

  • चतुर्दशी श्राद्ध- 24 सितंबर

  • अमावस्या (समापन) श्राद्ध- 25 सितंबर

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें