Pitru Paksha: जर्मनी से आये विदेशी मेहमानों ने पितरों के मोक्ष की कामना की,देवघाट पर पिंडदान की देखें तस्वीरें
Pitru Paksha 2023: बिहार के गया जिले में जर्मनी से आए मेहमानों ने पितरों के मोक्ष की कामना की. साथ ही इन्होंने पिंडदान किया. पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि- विधान से इन्होंने पिंडदान किया है.
संजीव कुमार सिन्हा, गया: बिहार के गया जिले में जर्मनी से विदेशी मेहमान पहुंचे. यहां इन्होंने देवघाट पर पिंडदान किया. पितरों के मोक्ष प्राप्ति की इन्होंने कामना की है.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि- विधान से महमानों ने पिंडदान किया है. सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध गयाजी शहर में इन दोनों पितृपक्ष मेला चल रहा है.
गया में देश-विदेश से आए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पिंडदान कर रहे हैं. वहीं पिंडदान की परंपरा अब दूसरे देशों से आए श्रद्धालु भी अपना रहे हैं, इसी क्रम में आज जर्मनी देश से 12 की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पिंडदान कर्मकांड किया है.
शहर के फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पूरे विधि-विधान के साथ पुरोहित लोकनाथ गौड़ के द्वारा पिंडदान कर्मकांड करवाया गया. इन 12 श्रद्धालुओं में एक पुरुष भी शामिल है, जबकि 11 महिलाएं इसमें शामिल हैं.
इस संबंध में जर्मन देश से आई महिआ एलिसेंटरा ने बताया कि वह पहली बार भारत देश आई है. गया के पिंडदान कर्मकांड के बारे में काफी कुछ सुना था, जिससे प्रभावित होकर अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए वह यहां आई है.
जर्मन महिला ने बताया कि हमारे साथ और भी कई लोग यहां पहुंचे हैं, जो अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर्मकांड कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में यह बहुत ही पवित्र माना जाता है और यहां पिंडदान करके बहुत अच्छा लगा. यहां के लोग भी काफी अच्छे हैं और यहां व्यवस्था भी बहुत अच्छी है. यह हमारे लिए एक यादगार पल है. यहां आकर जो अनुभूति हुई है, उसे हम कभी नहीं भूल सकते.
इसके पहले यूक्रेन देश से आई एक महिला ने भी यहां पिंडदान कर्मकांड किया है. भारतीय परंपरा इन्हें काफी अच्छी लग रही है.
वहीं पिंडदान कराने वाले पुरोहित लोकनाथ गौड़ ने बताया कि भारत के अलावा अब दूसरे देश में भी लोग पिंडदान के बारे में रुचि ले रहे हैं, यही वजह है कि आज जर्मनी से आए 12 श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान कर्मकांड किया है. साथ ही फल्गु नदी के जल से तर्पण किया है. इसके पहले यूक्रेन से आई एक महिला ने भी अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और भी विदेशी मेहमान यहां पिंडदान करने आएंगे. इससे पहले रूस देश से आए कई श्रद्धालुओं ने भी पिंडदान किया है. पिंडदान की परंपरा अब दूसरे देशों में भी पसंद की जा रही है.