पितरों के मोक्ष की नगरी गयाजी में 28 सितंबर से शुरू 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के दूसरे दिन फल्गु नदी में पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का विधान रहा है. इस विधान के तहत देश के विभिन्न राज्यों से आये एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने शुक्रवार को अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर कुल पंडा के निर्देशन में पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया. फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित देवघाट गदाधर घाट संगत घाट व आसपास के घाटों पर पूरे दिन हर घंटे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही होती रही. इन जगहों पर भीड़ काफी अधिक होने से बैठकर कर्मकांड करने के लिए तीर्थयात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. सूर्योदय के साथ तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ वह सूर्यास्त तक जारी रहा.
भीड़ की वजह से आवासन क्षेत्र में भी किया गया पिंडदान
फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित देवघाट, गदाधर घाट, संगत घाट, विष्णुपद में पूरे दिन तीर्थ यात्रियों की भीड़ अधिक जुटने से काफी श्रद्धालुओं ने अपने कुल पंडा के निर्देशन में आसपास के आवासन क्षेत्र में भी पिंडदान का कर्मकांड संपन्न किया. वायु पुराण सहित कई अन्य हिंदू धार्मिक धर्म ग्रंथो के अनुसार मान्यता है कि फल्गु तीर्थ में तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान करने वाले श्राद्ध कर्ताओं के पितरों को मुक्ति, अक्षय लोकों की प्राप्ति व करने वालों का उद्धार होता है. मान्यता है कि अखिल ब्रह्मांड में जितने भी तीर्थ हैं, सभी देवताओं के साथ फल्गु तीर्थ में नित्य स्नान करने आते हैं. फल्गु की मान्यता आदि गदाधर के रूप में भी धार्मिक ग्रंथो में वर्णित है.
नो पॉलिथीन जोन की घोषणा रही बेअसर
चांदचौरा से विष्णुपद मेला क्षेत्र तक जिला प्रशासन द्वारा घोषणा किये गये नों प्लास्टिक जोन शुक्रवार को बेअसर रहा. जागरूकता के अभाव में दुकानदारों के साथ-साथ तीर्थयात्री भी सिंगल यूज पॉलिथीन का उपयोग कर्मकांड के दौरान करते रहे.
मध्य प्रदेश के चार वर्ष के बच्चे ने पितरों का किया पिंडदान
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से अपनी नानी शांति देवी के साथ आए चार वर्ष के विवेक कुमार सिंह फल्गु नदी के देवघाट पर अपने अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया.
सुरक्षा की चाक-चौबंद रही व्यवस्था
फल्गु तीर्थ पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड करने आये तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के प्रति जिला व पुलिस प्रशासन मुस्तैद रही. ड्यूटी पर तैनात एनसीसी, एनएसएस के साथ पुलिस के कार्यकर्ता वृद्ध व दिव्यांग तीर्थयात्रियों की सहायता करते दिखे.
130 जवानों को पिंडदानी व पंडों के वेश में किया गया तैनात
रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर के निर्देश पर गया रेलवे स्टेशन पर 300 जवान पहुंचे हैं. जवानों के पहुंचने के बाद रेल डीएसपी मुरारी प्रसाद ने अलग-अलग टीमें बना कर गया रेलवे स्टेशन परिसर, रिजर्वेशन काउंटर, पूछताछ कार्यालय,फुट ओवरब्रिज व ट्रेनों सहित अन्य जगहों पर तैनाती की है. वहीं 130 जवानों को पिंडदानी व पंडों के वेश में प्लेटफॉर्म से लेकर स्टेशन परिसर तक तैनात किये गये है. इसकी मॉनीटरिंग रेल इंस्पेक्टर सुशील कुमार द्वारा की जायेगी. अलग-अलग शिफ्टों में जवानों की तैनाती करने की जिम्मेदारी रेल थानाध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी को दी गयी है.
ट्रेनों में तीन शिफ्टों में अभियान चलाने का निर्देश
रेल इंस्पेक्टर ने बताया कि रेल डीएसपी के नेतृत्व में जवानों के साथ एक विशेष बैठक हुई. बैठक में बिंदुओं पर चर्चा की गयी. वहीं सभी जवानों को निर्देश दिया गया है कि बाहर से आने वाले पिंडदानियों के साथ-साथ रेलयात्रियों के साथ प्रेम भाव से बातचीत करें. समस्या उत्पन्न होने पर उसे तुरंत दूर करें. वहीं गया रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेनों में तीन शिफ्टों में अभियान चलाया. प्रतिदिन पॉकेटमार, चेन कटर, शराब धंधेबाज व संदिग्ध के खिलाफ अभियान चलाकर उसे पकड़े. स्टेशन परिसर में फ्लैग मार्च करें.
ड्यूटी के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करनेवाले पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाई
रेल इंस्पेक्टर सुशील कुमार ने बताया कि गया रेलवे स्टेशन व अन्य जगहों पर ड्यूटी के दौरान मोबाइल इस्तेमाल करनेवाले पुलिस कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. इंस्पेक्टर ने सभी जवानों को हिदायत देते हुए कहा कि आप लोग ड्यूटी मन लगाकर करें. इस दौरान बुर्जुग पिंडदानियों को सहयोग करें. रेलयात्रियों के साथ-साथ पिंडदानियों की समस्याएं भी दूर करें. किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो तुरंत मुझे कॉल कर सूचना दें.
Also Read: Pitru Paksha 2023 Live: पितृ पक्ष में पिंडदान करने पर पूर्वज होते हैं प्रसन्न, श्राद्ध में जरूर शामिल करें…रविवार को उत्तर व दक्षिण मानस में करें श्राद्ध-तर्पण
त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध करने वाले पंचतीर्थो में सर्वप्रथम द्वितीया तिथि यानी इस वर्ष पितृपक्ष महासंगम के रविवार के दिन उत्तर मानस तीर्थ में जाकर आचमन कर कुशा से सिर पर जल छिड़कें, स्नान करें. स्नान आचमन योग्य जल न रहने पर फल्गु तीर्थ के जल से क्रिया करें. मंत्र बोलें, आत्म शुद्धि और सूर्य लोक की प्राप्ति के लिए उत्तर मानस में स्नान करें. स्नान तर्पण करके पितृ विमुक्ति के लिए सपिंडों का श्राद्ध करें. मान सरोवर के साथ उत्पन्न होने से इसे उत्तर मानस कहते हैं. उत्तर मानस में श्राद्ध कर्म का काम पूरा कर मौन धारण कर द्क्षिण मानस में जायें, जो आज सूर्यकुंड के नाम से प्रसिद्ध है. दक्षिण मानस तीर्थ में तीन तीर्थ हैं. उनमें स्नान कर तीनों में अलग-अलग श्राद्ध करें. विमुक्तिदायक उदीचि तीर्थ दक्षिण मानस के उत्तर में है. यहां स्नान करने से मनुष्य सशरीर स्वर्ग चला जाता है. निरोग हो जाता है. तीनों लोकों में विश्रुत मध्य में कनखल तीर्थ है. उसमें स्नान करने से मनुष्य पवित्र होकर स्वर्ण जैसे चमकने लगता है. दक्षिण भाग को दक्षिण मानस कहते हैं. इसके बाद पांचवां तीर्थ जिह्वालोल तीर्थ है, जो फल्गु नदी में ही है. वहां श्राद्ध करने से पितरों को उत्तम गति होती है. इसके बाद भगवान गदाधर को पंचामृत स्नान कराकर पुष्प वस्त्रादि से अलंकृत करें, जो गदाधर भगवान का पंचामृत स्नान और पुष्प वस्त्रादि से अलंकृत नहीं करते उनका श्राद्ध करना निष्फल माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि गयाजी में अपना अथवा किसी दूसरे का भी पुत्र जिस किसी के नाम से जब कभी पिंडदान करेगा, उसे शाश्वत ब्रह्म की प्राप्ति हो जायेगी.
Also Read: पितृपक्ष मेला को लेकर रेलवे ने की तैयारी, रानी कमलापति व जबलपुर से गया जंक्शन के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेनबेहतर व्यवस्था को पूरे मेला अवधी तक हर हाल में रखना है कायम: नगर आयुक्त
पितृपक्ष मेले के दौरान 15 दिनों तक वर्तमान से भी बेहतर व्यवस्था को हर हाल में कायम रखना है. किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. निगम की ओर से अब तक की गयी व्यवस्था ठीक-ठाक है. हर कोई इसकी सराहना कर रहा है. उक्त बातें नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने शुक्रवार को विभिन्न घाटों का निरीक्षण करते हुए कही. उन्होंने कहा कि रामशिला एवं रामकुंड की सफाई दिखी है. रामकुंड के सभी लाइट से लोगों को अधिक लाभ मिल रहा है. निगम की ओर से पनशाला लगाने का लाभ लोग ले रहे हैं. आराम शिविर में भी वृद्ध व थके हुए यात्री लाभ ले रहे हैं. रामकुंड में गिरे हुए पेड़ को वन विभाग के समन्वय से हटा दिया गया है. निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने वार्ड निरीक्षक सिंधु शेखर मिश्र को निर्देश दिया कि रामकुंड में पिंड हो जाने के बादपानी से धुलवाएं एवं सीढ़ियों को ब्रश से रगड़कर सफाई कराएं.
Also Read: पितृपक्ष 2023ः भगवान श्रीराम ने भी किया था पुनपुन नदी के तट पर अपने पूर्वजों का पिंडदान…