गया में नौ सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू हो जाएगा. पितृपक्ष मेला 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेगा. पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. पितृपक्ष मेले में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग के साथ जिला प्रशासन पूरी तरह से तत्पर है. शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित पिंडवेदियों तक पिंडदानियों को पहुंचाने के लिए मुकम्मल परिवहन की व्यवस्था की गयी है. नौ सितंबर से शुरू होने वाले 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले में शहर की सड़कों पर सरपट 103 रिंग बसें दौड़ेंगी. इनमें से 15 की संख्या में सीएनजी बसें भी शामिल हैं. सभी सीएनजी बसें विष्णुपद व बोधगया के बीच चलायी जायेंगी. इन बसों की मॉनिटरिंग निगम प्रशासन करेगा. सभी सीएनजी बसें 30 सीटर होंगी. विष्णुपद मंदिर तक पहुंचने के लिए 50 नि:शुल्क ई-रिक्शा की व्यवस्था की गयी है.
पितृपक्ष मेले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से गठित यातायात और परिवहन व्यवस्था कोषांग के प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि विष्णुपद मंदिर से प्रेतशिला के बीच 40 रिंग बसें चलायी जायेंगी. साथ ही रेलवे स्टेशन से विष्णुपद के बीच 15, विष्णुपद से बोधगया के बीच 12 रिंग बसें चलायी जायेंगी. उन्होंने बताया कि इन रूटों के अलावा जरूरत पड़ने पर शहर के अन्य वेदी स्थलों के लिए भी शेष बची रिंग बसों को विष्णुपद मंदिर व रेलवे स्टेशन से चलायी जायेगी. उन्होंने बताया कि सभी रिंग और सीएनजी बसों का परिचालन सुबह पांच बजे से रात नौ बजे निर्धारित किया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर समय-सीमा में बदलाव भी किया जा सकता है.
पितृपक्ष मेले में पिंडदानियों को यातायात और परिवहन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन की ओर से मेला अवधि के दौरान रेलवे स्टेशन पर प्रीपेड टैक्सी व ऑटो संचालन के लिए काउंटर भी लगाया जायेगा. परिवहन नियमों के पालन और तीर्थ यात्रियों को आर्थिक शोषण से बचाव के लिए सभी वाहन चालकों को प्रशिक्षित भी किया गया है.
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बिहार में पर्यटकों की भीड़ हर साल बढ़ रही है. पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गोवा के बाद सबसे अधिक बिहार में पर्यटक पहुंच रहे है. ऐसे में पर्यटकों के लिए बोध गया में एक जी प्लस सात अतिथिगृह का निर्माण कराया जा रहा है. जिसका काम अगले साल पूरा कर लिया जाएगा. भवन निर्माण विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से कार्य स्थल का निरीक्षण हो रहा है.
अतिथि गृह को चार स्टार कैटेगरी में बांटा गया है. जिसमें 100 कमरा होगा. यह अतिथि शाला अत्याधुनिक कोटि का बनाया जा रहा है. इसमें दो प्रेसिडेंसियल स्वीट, आठ वीआइपी स्वीट, 80 डबल बेडरूप रहेगा. इसके अलावे 30 बेड का गेस्ट डॉरमेट्री भी रहेगा. इस अतिथि गृह में सभी सुविधायुक्त दो रेस्टोरेंट, एक एक्जीविशन कम बिजिनेस सेंटर का निर्माण होगा. यह पूरा एरिया पूरी तरह से वाइफाई जोन होगा. जहां लोगों को इंटरनेट की असुविधा नहीं महसूस होगी.