गयाजी में इस दौरान पितृपक्ष मेला का दौर चल रहा है. गया में दूर-दूर से लोग पिंडदान करने पहुंचे हुए है. बीते दो वर्षों तक पूरी दुनिया में फैली वैश्विक महामारी कोरोना से ग्रसित परिवार की एकमात्र बची महिला मीना देवी ने मंगलवार को फल्गु तट के देवघाट पर अपने पति स्वर्गीय श्याम पात्रो व इकलौते बेटे मारुति पात्रो के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति के निमित्त पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड अपने कुल पुरोहित पंडाजी के निर्देशन में संपन्न किया.
वे अपने पड़ोसी वासुदेव कुमार के साथ आयी उक्त महिला मीना देवी ने बताया कि वर्ष 2021 में आयी कोविड-19 की दूसरी लहर में इनके पति व बेटे की मौत हो गयी थी. आर्थिक तंगी से जूझ रही इस महिला ने बताया कि पड़ोसियों की मदद से गुजर-बसर चल रहा है. यह महिला झारखंड के जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली है. अपनी नम आंखों के साथ इस महिला ने अपने पति व इकलौते बेटे की मोक्ष के निमित्त पिंडदान का कर्मकांड पूरा किया.
पहले की अपेक्षा पितृपक्ष मेले के स्वरूप में दिन-प्रतिदिन सुधार होता दिख रहा है. इसकी भव्यता बढ़ रही है. इससे तीर्थयात्रियों की संख्या भी हर वर्ष बढ़ रही है. पितृपक्ष ने जब से राजकीय मेले का स्वरूप प्राप्त किया है, सरकार व जिला प्रशासन इसकी बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं. खास कर रबर डैम बन जाने के बाद फल्गु नदी में पानी की उपलब्धता से इसकी रौनक और बढ़ गयी है. लोग फल्गु नदी में बालू की रेत पर बैठ कर जहां-तहां पिंडदान करते थे. इससे असुरक्षा के साथ-साथ लूट की घटनाएं भी होती रहती थीं.
Also Read: गयाजी में पंचमी को ब्रह्मसरोवर पर श्राद्ध करने का है विधान, जानें आज आज कहां होगा पिंडदान तर्पण
अब लोग तट पर ही तर्पण कर रहे हैं. गदाधर, देवघाट व संगत घाट का काफी विस्तार किया गया है. रबर डैम के ऊपर बने फुट ओवरब्रिज से यात्री पार कर तुरंत सीताकुंड चले जा रहे हैं. वहां जाने में पहले लोगों को काफी परेशानी होती थी. इसकी वजह से असमर्थ लोग इच्छा रहते नहीं जा पाते थे. इससे दीगर यह कि अब उनकी खुद व सामानों की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह पुलिस पर की तैनाती है. पहले मेला लगता था पर इस तरह का स्वरूप नहीं होता था. आवासन के प्रति भी जिला प्रशासन काफी सजग है. –गजाधर लाल पाठक सचिव, विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति, गया