Pitru Paksha Mela 2022: मोक्षधाम गया में 17 दिवसीय पितृपक्ष मेला शुरू, जानें कहां पड़ा पहला पिंड
Pitru Paksha Mela 2022 17 दिवसीय पिंडदान के लिए आये श्रद्धालु हर दिन अलग-अलग पिंडवेदी व सरोवर में अपने पितरों की मोक्ष कामना को लेकर पिंडदान व तर्पण करते हैं. शुक्रवार को पहले दिन का श्राद्धकार्य संपन्न हो गया.
Pitru Paksha Mela 2022 पुनपुन नदी अथवा गोदावरी सरोवर में पिंडदान के साथ भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि यानी शुक्रवार से 17 दिवसीय (त्रिपाक्षिक) पितृपक्ष महासंगम की शुरुआत हो गयी. देश-विदेश से आने वाले जो श्रद्धालु सीधे गयाजी पहुंचे वे सभी शहर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित गोदावरी सरोवर पर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण अपने कुल पंडा के निर्देशन में पूरा किया. श्री विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने कहा कि पुनपुन नदी में माथा मुंडन कराने के बाद श्रद्धालु त्रिपाक्षिक पिंडदान के लिए गयाजी आते हैं. धार्मिक ग्रंथों व पुराणों के अनुसार माथा मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है.
गया में 17 दिवसीय के अलावा एक दिवसीय, तीन दिवसीय, पांच दिवसीय पिंडदान का विधान है. गौरतलब है कि यहां पहले 365 पिंडवेदियां, सरोवर व दर्शनीय स्थल थे. समय के साथ कई पिंडवेदियां व सरोवर विलुप्त हो गये. अब महज 54 पिंडवेदियां व सरोवर बचे हैं, जहां पिंडदान व तर्पण होता है. 17 दिवसीय पिंडदान के लिए आये श्रद्धालु हर दिन अलग-अलग पिंडवेदी व सरोवर में अपने पितरों की मोक्ष कामना को लेकर पिंडदान व तर्पण करते हैं. शुक्रवार को पहले दिन का श्राद्धकार्य संपन्न हो गया. पुनपुन में श्राद्धकार्य करने के बाद श्रद्धालु काफी संख्या में रेल, सड़क मार्ग से शुक्रवार की शाम से ही गयाजी पहुंचने लगे हैं.