बिहारः पंडित धीरेंद्र शास्त्री का गया में नहीं लगेगा दरबार, जानिए पितृपक्ष में क्यों आ रहे गया?
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ( बागेश्वर धाम सरकार ) एक से तीन अक्टूबर तक गया में रहेंगे. वे इस दौरान अपने पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए तर्पण करेंगे.
गया में पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार का दिव्य दरबार नहीं लगेगा. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह फैसला पितृपक्ष मेला के दौरान शहर में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर किया है. कहा जा रहा है कि गया जिला प्रशासन की ओर से भी दिव्य दरबार लगाने की फिलहाल अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ( बागेश्वर धाम सरकार ) एक से तीन अक्टूबर तक गया में रहेंगे. वे इस दौरान अपने पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए तर्पण करेंगे. इसको लेकर वे तीन दिनों तक गया में रहेंगे. इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने चुनिंदा भक्तों और शिष्यों से मिलेंगे.
इधर, विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 61 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. गया जिला प्रशासन की ओर से पितृपक्ष मेला शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए आज एक कोषांग भी गठित की गई. इस बैठक में जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम और नगर पुलिस अधीक्षक हिमांशु मौजूद थे.इस बैठक में पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था को बेहतर बनानेपर चर्चा हुई. कहा जा रहा है कि इस वर्ष गांधी मैदान में बनने वाले टेंट सिटी में करीब 2500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है.
इसके अतिरिक्त निगमा मोनेस्ट्री बोधगया में 2400 के रहने की व्यवस्था की गई है. सामुदायिक भवन और अन्य 41 भवनों में 10 हजार से अधिक लोग रुक सकते हैं. 6 हजार पुलिस बल और अन्य जवानों के ठहरने के लिए 23 भवन चिह्नित किए गए है. इसके अलावा 63 की संख्या में होटल- रेस्ट हाउस में करीब 3500 लोग ठहरेंगे. इसी प्रकार से पंडा के निजी भवन और 368 धर्मशाला में 36 हजार से अधिक लोग रुक सकेंगे. इस प्रकार कुल 487 स्थानों पर लगभग 61 हजार लोग रह सकेंगे.
इसके अतिरिक्त निगमा मोनेस्ट्री बोधगया में 2400 के रहने की व्यवस्था की गई है. सामुदायिक भवन और अन्य 41 भवनों में 10 हजार से अधिक लोग रुक सकते हैं. 6 हजार पुलिस बल और अन्य जवानों के ठहरने के लिए 23 भवन चिह्नित किए गए है. इसके अलावा 63 की संख्या में होटल- रेस्ट हाउस में करीब 3500 लोग ठहरेंगे. इसी प्रकार से पंडा के निजी भवन और 368 धर्मशाला में 36 हजार से अधिक लोग रुक सकेंगे. इस प्रकार कुल 487 स्थानों पर लगभग 61 हजार लोग रह सकेंगे.