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Pitru Paksha: मुजफ्फपुर में पितृपक्ष में 40 फीसदी गिरा शहर का बाजार, व्यापारियों को केवल ये उम्मीद

पितृपक्ष के पखवारे में बाजार 40 फीसदी से अधिक गिरा है. कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, सोना-चांदी सहित अन्य ऐसे सामान की बिक्री बहुत कम हो रही है, जिसकी फिलहाल जरूरत नहीं है. पितरों के तर्पण के दिनों में नये सामान की खरीदारी नहीं करने की मान्यता के कारण बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2022 6:39 AM

पितृपक्ष के पखवारे में बाजार 40 फीसदी से अधिक गिरा है. कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, सोना-चांदी सहित अन्य ऐसे सामान की बिक्री बहुत कम हो रही है, जिसकी फिलहाल जरूरत नहीं है. पितरों के तर्पण के दिनों में नये सामान की खरीदारी नहीं करने की मान्यता के कारण बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं. नये सामान की खरीदारी नहीं होने का सबसे अधिक असर सर्राफा बाजार पर है. सर्राफा विक्रेता संजय कुमार ने कहा कि 15 दिनों तक तो बिक्री की गुंजाइश ही नहीं है. हमलोग दुकान खोल कर बैठ रहे हैं. पितृपक्ष में हर साल ऐसी ही स्थिति रहती है. इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में भी सन्नाटा है. इन दिनों यहां इन्क्वायरी भी काफी कम हो गयी है.

गिने-चुने ग्राहक पहुंच रहे बाजार

इलेक्ट्रॉनिक सामान के विक्रेता प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि गिने-चुने ग्राहक ही खरीदारी कर रहे हैं. अब दुर्गा पूजा शुरू होने के बाद ही इन्क्वायरी और बिक्री बढ़ेगी. कपड़ा मंडी में भी इन दिनों ग्राहक नहीं हैं. होलसेल मार्केट की स्थिति खराब है तो खुदरा दुकानों में साड़ियां, सलवार सूट और थान के कपड़ों की बिक्री भी काफी कम हो रही है. कपड़ा दुकानदार आदित्य छापड़िया ने कहा कि इन दिनों बाहर से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं और लोकल स्तर पर खरीदारी हो रही है. अब दुर्गा पूजा के बाद से होलसेल खरीदारी में तेजी आयेगी. पितृपक्ष का असर लहठी बाजार पर भी पड़ा है. दुकानदार मो आजाद ने कहा कि सुबह से शाम तक दुकान खाली रहती है. इक्का-दुक्का ग्राहक ही खरीदारी करने पहुंच रहे हैं.

गंजी, धोती, गमछा और बर्तन की मांग बढ़ी

पितृपक्ष में पितरों के तर्पण के लिए धोती, गंजी, जांघिया, गमछा और बर्तन की मांग बढ़ गयी है. बाजार में सबसे अधिक बिक्री धोती और गमछा की हो रही है. इसके अलावा दान के लिए कुछ लोग बर्तन भी खरीद रहे हैं. पितरों की मृत्यु तिथि पर पिंडदान करने से पूर्व पहनने के लिए लोग इन कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं. कुछ लोग पंडित को दान देने के लिए भी खरीद रहे हैं. होजियरी सामान के विक्रेता राजीव केजरीवाल ने कहा कि पितृपक्ष में गंजी और जांघिया की बिक्री बढ़ जाती है. बर्तन विक्रेता उमाशंकर चौधरी ने कहा कि दान के लिए बर्तन सेट की मांग है.

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