पटना में सड़क हादसों को कम करने के लिए बनाई जा रही योजना, नये सिरे से चिह्नित किये जायेंगे ब्लैक स्पॉट
अटल पथ पर भी नये ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की जा रही है. पटना में फिलहाल 20 जगह ऐसी हैं, जहां दुर्घटना की आशंका सबसे ज्यादा है. सबसे अधिक हादसे वाले ब्लैक स्पॉट्स में सगुना मोड़ का इलाका है, जहां 2019 से 2021 के बीच में हादसों में 24 लोगों की मौत हुई है.
पटना की सड़कों पर आये दिन हादसे हो रहे हैं. कुछ ऐसे भी इलाके हैं, जहां सड़क दुर्घटना में राहगीरों को अक्सर जान तक गंवानी पड़ती है. हालांकि, जिला परिवहन कार्यालय की तरफ से ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किये गये हैं. अब पटना के नये इलाकों में भी ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित जायेंगे, ताकि दुर्घटना की आशंका कम-से-कम हो.
ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किये जायेंगे
जिला परिवहन कार्यालय के मुताबिक, एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड में नये ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किये जायेंगे और वहां पर साइनेज भी लगाया जायेंगे. जिला परिवहन अधिकारी श्रीप्रकाश के मुताबिक, एम्स के सामने से गुजरने वाले फ्लाइओवर और इससे जुड़ी सड़कों पर अधिकतम गति सीमा तय की जा रही है.
पटना में चिह्नित ब्लैक स्पॉट
परिवहन विभाग से यहां पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के साथ ही ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गुजारिश की गयी है. इसी तरह अटल पथ पर भी नये ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की जा रही है. पटना में फिलहाल 20 जगह ऐसी हैं, जहां दुर्घटना की आशंका सबसे ज्यादा है. सबसे अधिक हादसे वाले ब्लैक स्पॉट्स में सगुना मोड़ का इलाका है, जहां 2019 से 2021 के बीच में हादसों में 24 लोगों की मौत हुई है. इसी तरह बाइपास के छोटी पहाड़ी इलाके में 2019 से 2021 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 13 और दीघा में 15 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल पटना में जिन ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गयी है, उनमें गांधी मैदान, बाइपास और सगुना मोड़ जैसे इलाके हैं.
गया और बांका में भी कई लोगों ने गवाई जान
वैसे बिहार में पटना के बाद गया और बांका जैसे जिले भी हैं, जहां ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही और तेज गाड़ी चलाने की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है. पटना के शहरी इलाके में 301 लोग तेज गाड़ी चलाने के कारण घायल हुए और इनमें 185 लोगों की जान चली गयी.