बिहार में जाति गणना के दूसरे चरण का प्रारूप तैयार, अगले माह से प्रगणकों को मिलेगी ट्रेनिंग
दूसरे चरण में जाति के अलावा परिवारों की आर्थिक स्थिति, शैक्षणिक स्थिति, पेशा, सहित अन्य जानकारियां ली जायेगी. दूसरे चरण का काम 30 अप्रैल तक पूरा होने के बाद मई माह में गणना के इस चरण को कंप्लीट किया जायेगा.
बिहार में हो रही जाति गणना के दूसरे चरण का काम एक अप्रैल से से शुरू होगा जो की 30 अप्रैल तक चलने वाला है. दूसरे चरण में परिवारों की डिटेल जानकारी लेने के लिए प्रगणकों को अगले माह से ट्रेनिंग मिलेगी. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि दूसरे चरण में डिटेल जानकारी लेने के लिए प्रगणकों को मिलने वाले फॉर्म में 26 तरह की सूचनाएं एकत्रित की जानी हैं. फॉर्म में इसे भरने के बारे में भी बताया जायेगा. इसके लिए फिलहाल फॉर्मेट तैयार किया जा रहा है.
अप्रैल में होगा दूसरे चरण का काम
जानकारों के अनुसार इसमें जाति के अलावा परिवारों की आर्थिक स्थिति, शैक्षणिक स्थिति, पेशा, सहित अन्य जानकारियां ली जायेगी. दूसरे चरण का काम 30 अप्रैल तक पूरा होने के बाद मई माह में गणना के इस चरण को कंप्लीट किया जायेगा. दूसरे चरण में होने वाली गणना का काम पहले चरण में किये गये मकानों की नंबरिंग व परिवार के मुखिया का मिलान किया जायेगा.
परिवारों की डिटेल लेंगे प्रगणक
गणना के दौरान प्रगणक अपने-अपने इलाके में जाकर परिवारों की डिटेल लेंगे. प्रगणक उस इलाके में जायेंगे, जहां वे पहले चरण में गये थे. इसलिए प्रगणक के द्वारा किये गये परिवारों की इंट्री का मिलान दूसरे चरण में किया जायेगा. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि फरवरी में इंट्री का काम खत्म होगा. इसके बाद दूसरे चरण के लिए तैयार फॉर्मेट में डिटेल भरने के लिए अगले माह प्रगणकों को ट्रेनिंग दी जायेगी.
बिहार की आबादी में 1.61 करोड़ परिवारों की हुई बढ़ोतरी
बता दें कि राज्य में जाती आधारित गणना के पहले चरण के बाद जो प्रारंभिक रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग को मिली थी, उसके अनुसार राज्य में परिवारों की संख्या साढ़े तीन करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर बिहार में परिवारों की संख्या एक करोड़ 89 लाख थी. 12 वर्षों में इसमें एक करोड़ 61 लाख वृद्धि होने की संभावना जतायी जा रही है.