बिहार की आधा दर्जन नदियों को जोड़ने की योजना तैयार, बाढ़ के साथ ग्राउंड वाटर लेवल की समस्या का भी होगा समाधान

जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार ''बागमती-शांतिधार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़'' में बागमती नदी का पानी समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड के घोघराहा के निकट से निकलने वाले शांतिधार के रास्ते लाया जायेगा. साथ ही समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के त्रिमुहानी ग्राम के निकट बूढ़ी गंडक नदी में मिलाया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2024 4:08 PM

पटना. राज्य में सिंचाई सुविधाओं और ग्राउंड वाटर लेवल सुधारने के लिए करीब आधा दर्जन नदी जोड़ योजनाओं पर काम शुरू होगा. बिहार में ”बागमती-शांतिधार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़” योजना का काम वैसे इस साल पूरा होने की संभावना है. जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार ”बागमती-शांतिधार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़” में बागमती नदी का पानी समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड के घोघराहा के निकट से निकलने वाले शांतिधार के रास्ते लाया जायेगा. साथ ही समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के त्रिमुहानी ग्राम के निकट बूढ़ी गंडक नदी में मिलाया जायेगा.

इन नदियों को जोड़ने की है योजना

बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा के नेतृत्व में विभाग ने जिन आधा दर्जन नदियों को जोड़ने की योजना तैयार की है, उनमें कोसी-मेची लिंक योजना, बागमती-शांतिधार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़, गंडक-छाड़ी-दाहा-घाघरा लिंक योजना, फल्गू-पैमार लिंक योजना, गंडक-माही-गंगा लिंक योजना, सकरी-नाटा योजना और त्रिशुला-बलान लिंक योजना प्रमुखता से शामिल हैं. इन योजनाओं के अलावा भी बिहार में तीन नदी जोड़ योजना पर काम चल रहा है. ऐसे में बिहार के करीब दर्जन से अधिक जिलों में सिचाई की सुविधा में बढ़ोतरी होनेवाली है.

योजना पर 120.96 करोड़ रुपये खर्च होंगे

इस योजना से दरभंगा और समस्तीपुर जिले की बड़ी आबादी को सीधा लाभ पहुंचेगा. साथ ही शिवहर और सीतामढ़ी जिले में भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी और क्षेत्र के विकास को नयी गति मिलेगी. इससे करीब दरभंगा जिले के बहेड़ी और हायाघाट तथा समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर, वारिसनगर, खानपुर, रोसड़ा और सिंघिया प्रखंडों के निवासियों को बाढ़ से राहत के साथ-साथ इस इलाके का ग्राउंड वाटर लेवल भी बेहतर होगा. साथ ही करीब 39 हजार 350 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.

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कोसी-मेची लिंक योजना

इस योजना के तहत अररिया जिले में पूर्वी कोसी मुख्य नहर के पानी को किशनगंज जिले में मेची नदी में मिलाया जायेगा. इससे अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों को लाभ होगा. इसे राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने के लिए 60 प्रतिशत केंद्रांश, 30 प्रतिशत केंद्रीय ऋण और 10 प्रतिशत राज्यांश के फंडिंग पैटर्न पर सहमति दी जा चुकी है. हालांकि, केंद्र सरकार से इसे मंजूरी नहीं मिली है. इसके लिए राज्य सरकार कई बार मंजूरी के लिए केंद्र से आग्रह कर चुकी है. इस योजना के पूर्ण होने से अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिले के दो लाख 15 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलने के साथ-साथ बाढ़ से भी राहत मिलेगी.

गंडक-माही-गंगा लिंक योजना

गंडक-माही-गंगा नदी जोड़ योजना गोपालगंज, सीवान और सारण जिले के लिए वरदान साबित होगी. इस योजना में गोपालगंज जिले के हीरापाकड़ के पास गंडक नदी से शुरू कर सारण जिले के हासिलपुर के पास गंगा नदी तक कुल 170 किमी लंबे लिंक चैनल का निर्माण होगा. यह योजना गंडक नदी के बाढ़ के प्रभाव को कम करने में सहायक हाेगी. इसे 27 जून, 2023 को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है.

सकरी-नाटा योजना

राज्य में कौआकोल और नवादा के बीच सकरी नदी से नहर निकाल कर आहर-पइन को जोड़ते हुए नवादा जिले में ही नाटा नदी में सकरी नदी का पानी ले जाने की योजना है. इस योजना से नवादा, नालंदा, शेखपुरा और जमुई जिलों के करीब 68 हजार 808 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी.

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