मायागंज अस्पताल में पहली बार प्लाज्मा डोनेट, कोविड मरीजों का होगा इलाज

भागलपुर : मायागंज अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा डोनेशन का काम गुरुवार से शुरू हुआ. जिले में प्लाज्मा डोनेट करने वाले पहले व्यक्ति ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन शानू बने. ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ रेखा झा व डॉ दिव्या सिंह के सुपरविजन में लैब टेक्नीशियन ने ब्लड डोनेट किया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2020 7:32 AM

भागलपुर : मायागंज अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा डोनेशन का काम गुरुवार से शुरू हुआ. जिले में प्लाज्मा डोनेट करने वाले पहले व्यक्ति ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन शानू बने. ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ रेखा झा व डॉ दिव्या सिंह के सुपरविजन में लैब टेक्नीशियन ने ब्लड डोनेट किया. अस्पताल अधीक्षक डॉ एके भगत ने बताया कि कोरोना निगेटिव मरीज के ब्लड से प्लाज्मा को अलग कर कोविड पॉजिटिव मरीज को चढ़ाया जायेगा.

संक्रमितों को दिया जा रहा है प्लाज्मा

प्लाज्मा थेरेपी से कोविड 19 के गंभीर मरीजों का इलाज एम्स समेत देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में किया जाता है. इस विधि से अबतक हजारों मरीजों का सफल इलाज किया गया है. खासकर दिल्ली में इस प्रक्रिया से कई मरीजों को स्वस्थ किया गया है. अब प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया मायागंज अस्पताल में शुरू हो गयी है. अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों का इलाज होगा. इस प्रक्रिया को प्लाज्माफेरेसिस कहते हैं. ब्लड बैंक में प्लाज्माफेरेसिस व प्लेटलेटफेरेसिस की मशीनें लगाकर शुरू कर दिया गया है. इस दौरान आइसीयू विभाग के डॉ रोहित व टेक्नीशियन अंशु कुमार मौजूद थे.

चार कोविड मरीजों का किया जायेगा इलाज

कोविड 19 मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है, तो उसके शरीर में संक्रमण से 14 दिन के बाद खून में एंटीबॉडी बनने लगता है. कोविड 19 मरीज जब ठीक हो जाता है, तो 28 दिन बाद उसके शरीर से एंटीबॉडी मिला 300 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है. इस रक्त से 100 मिलीलीटर प्लाज्मा को अलग किया जाता है. इस 100 मिलीलीटर प्लाज्मा को चार मरीजों को 25-25 मिलीलीटर प्लाज्मा स्लाइन कर दिया जाता है. पॉजिटिव मरीजों के शरीर में प्लाज्मा पहुंचते ही तेजी से एंटीबॉडी की संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है. शरीर में कोविड 19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली उत्पन्न होते ही मरीज की तबीयत में तेजी से सुधार होने लगता है.

posted by ashish jha

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