पटना : पीएमसीएच व एनएमसीएच में अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में कोविड मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की गयी थी. इसे शुरू हुए लंबा अरसा बीत गया. लेकिन, यहां दो-दो मरीजों के बाद फिर किसी मरीज को प्लाज्मा थेरेपी नहीं दी गयी. इसका कारण यह सामने आ रहा है कि इन दोनों अस्पतालों को अब तक प्लाज्मा थेरेपी के लिए जरूरी मशीन ही नहीं मिली है.
प्लाज्मा थेरेपी के लिए खून से प्लाज्मा अलग करने की मशीन जरूरी होती है. तमाम सरकारी वादों के बीच ये दोनाें अस्पताल अब भी मशीन का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर सवाल उठा रहे हैं कि बिना मशीन के और बिना पूरी तैयारी के यहां प्लाज्मा थेरेपी शुरू ही क्यों की गयी थी? पीएमसीएच के कोविड वार्ड में 108 बेड हैं.
दोनों ही अस्पतालों में दो-दो मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गयी थी. तब कोविड से ठीक हो चुके मरीज के खून से प्लाज्मा निकालने के लिए पीएमसीएच ने आइजीआइएमएस व एनएमसीएच ने पटना एम्स की मशीन की सहायता ली थी. इसके लिए संबंधित अस्पतालों को भुगतान भी किया गया था.
एक यूनिट प्लाज्मा के लिए पीएमसीएच ने 10,600 रुपये का भुगतान किया था. पीएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी की मशीन के लिए ब्लड बैंक में जल्दी-जल्दी में जगह भी बनायी गयी थी. तब यहां के अधिकारियों ने दावा किया था कि अगले कुछ दिनों में ही मशीन पीएमसीएच में आ जायेगी. लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
पीएमसीएच पटना के अधीक्षक डॉ बीके कारक कहते हैं कि पीएमसीएच में दो मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गयी थी, यहां अभी तक प्लाज्मा थेरेपी के लिए जरूरी मशीन नहीं आयी है. सरकार से इसको लेकर मांग की गयी है. उम्मीद है कि जल्द ही यह मिल जायेगी.
वहीं एनएमसीएच पटना केअधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह कहते हैं किएनएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी अगस्त में शुरू की गयी थी. अब तक दो मरीजों को शुरुआत में ही थेरेपी दी गयी थी. प्लाज्मा थेरेपी के लिए जरूरी मशीन फिलहाल नहीं है.
Posted by Ashish Jha