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पीएम मत्स्य संपदा योजना : बस 20 हजार एमटी उत्पादन बढ़ते ही मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर होने जायेगा बिहार

करीब एक दर्जन परियोजनाएं कुछ ही महीनों में पूरी होने को हैं. अगले वित्तीय वर्ष में राज्य की जरूरत पूरी करने को दूसरे राज्यों से मछली का आयात शायद ही करना पड़े. अभी राज्य चौथे स्थान पर है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2020 10:42 AM

पटना. मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बाद इसमें और भी तेजी आयी है.

करीब एक दर्जन परियोजनाएं कुछ ही महीनों में पूरी होने को हैं. अगले वित्तीय वर्ष में राज्य की जरूरत पूरी करने को दूसरे राज्यों से मछली का आयात शायद ही करना पड़े. अभी राज्य चौथे स्थान पर है.

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक फिशरीज धर्मेंद्र सिंह बताते हैं कि मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के लिए राज्य में अनुकरणीय काम हो रहा है. भले ही अभी राज्य को बाहर से मछली का आयात करना पड़ रहा है, लेकिन जल्दी ही आत्मनिर्भर हो जायेंगे.

इस साल राज्य में छह लाख 42 हजार मीटरिक टन (एमटी) मछली का उत्पादन हुआ है. 20 हजार एमटी मछली बाहर से आ रही है. ब्राडिंग के साथ- साथ उत्पादन बढ़ाने वाली योजनाओं के पूरा होते ही राज्य सरप्लस हाे जायेगा.

फैक्ट फाइल

  • उत्पादन 6.42 लाख एमटी

  • फिश फार्म 112852

  • प्रखंडस्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समिति 534

  • सहयोग समिति सदस्य 410007

  • महिला सदस्य 99321

पीएम मत्स्य संपदा योजना बदल देगी तस्वीर :

निदेशक फिशरीज धर्मेंद्र सिंह के जल्द आत्मनिर्भर होने दावे में दम इसलिए भी है, क्योंकि 10 सितंबर 20 को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ किया था.

इसमें पांच करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, 10 करोड़ की लागत से किशनगंज के मत्स्यपालन काॅलेज में जलीय रेफरल प्रयोगशाला, मधेपुरा में एक करोड़ की लागत से मत्स्य चारा मिल, पटना के मसौढ़ी में दो करोड़ की लागत से फिश आॅन व्हील्स तथा 2.87 करोड़ की लागत से कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना है.

Posted by Ashish Jha

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