कोरोना में अनाथ हुए बच्चों से आज संवाद करेंगे पीएम मोदी, पटना के नौ बच्चे होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को देश भर के उन बच्चों से संवाद करेंगे, जो कोरोना काल में अनाथ हो गये हैं. पटना के नौ बच्चे पीएम के साथ इस संवाद में जुड़ेंगे. डीएम ऑफिस से जुड़ कर वे बच्चों से बातचीत करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे. इसको लेकर होने वाला कार्यक्रम सुबह 9:45 बजे से शुरू होगा.
पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को देश भर के उन बच्चों से संवाद करेंगे, जो कोरोना काल में अनाथ हो गये हैं. पटना के नौ बच्चे पीएम के साथ इस संवाद में जुड़ेंगे. डीएम ऑफिस से जुड़ कर वे बच्चों से बातचीत करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे. इसको लेकर होने वाला कार्यक्रम सुबह 9:45 बजे से शुरू होगा.
पीएम मोदी देंगे योजनाओं की जानकारी
इस संवाद से पीएम बच्चों को यह एहसास दिलायेंगे कि वे अकेले नहीं हैं, बल्कि सरकार इन बच्चों के साथ है और इनकी परवरिश की जिम्मेदारी निभायेगी. पीएम इन बच्चों के लिए सरकार के द्वारा किये जा रहे कामों और योजनाओं की जानकारी देंगे. इन नौ बच्चों में दो महेंद्रू, दो अनिसाबाद, दो विद्युत कॉलाेनी, एक कंकड़बाग, एक बुद्धा कॉलोनी और एक बेऊर के हैं.
इन योजनाओं की करेंगे चर्चा
कोरोना में अनाथ होने वाले बच्चों यानी वैसे बच्चेजिनके माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है और इसमें से किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई है. पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना का लाभ दिया जा रहा है. पटना में ऐसे नौ बच्चे हैं. सभी लाभान्वित बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट डीएम के साथ संयुक्त अकाउंट से किया गया है.
पर्यावरण और साहित्य के संबंध से छात्राओं को कराया परिचित
दूसरी ओर पटना के जेडी वीमेंस कॉलेज के हिंदी विभाग व विश्व संस्कृत परिषद की ओर से एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. साहित्य और पर्यावरण के गहरे संबंध पर आधारित इस संगोष्ठी में हिंदी साहित्य द्वारा पर्यावरण संरक्षण के महत्व से छात्राओं को परिचित कराया गया. शुभारंभ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके सिंह ने किया.
महत्व पर डाला प्रकाश
इस माैके पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि मानवीय लालसाओं ने प्रकृति को असंतुलित कर दिया है. ऐसे में साहित्यकारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ मीरा कुमारी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्राओं को जागरूक किया और इसके लिए साहित्य की कितना महत्व है इसके बारे में भी बताया.
ये रहे मौजूद
हिंदी विभागाध्यक्ष ने वर्तमान समय में पर्यावरण और साहित्य की इतिहास से छात्राओं को अवगत कराया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर उषा सिंह, प्रोफेसर जंगबहादुर पांडेय और डॉ प्रियंका कुमारी ने भी विचार व्यक्त किये.