पटना/वैशाली: धनतेरस के शुभ मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने रोजगार मेले का शुभारंभ कर दिया है. मेले का लक्ष्य अगले एक साल में 10 लाख सरकारी पदों पर भर्ती करना है. इस अभियान के पहले चरण के तहत 75000 हजार भर्तियां हो चुकी है. इसी क्रम में आज हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे के प्रेक्षागृह में केंद्रीय रोजगार मेला का आयोजन किया गया. इसका सीधा प्रसारण वेब कास्टिंग के जरिए भी किया गया. इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अलावा भाजपा के हाजीपुर और लालगंज विधायक प्रेक्षागृह में मौजूद रहे. मौके पर सीआरपीएफ और धनबाद, सोनपुर के अलावा दानापुर रेल मंडल में लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक युवक-युवतियों को नित्यानंद राय ने नियुक्ती पत्र प्रदान किया.
युवाओं को नियुक्ती पत्र प्रदान करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार की यह पहल आने वाले समय में मिल का पत्थर साबित होगी. पीएम मोदी की तारिफ करते हुए नित्यानंद राय ने आगे कहा कि ‘देश में एक और महान नरेंद्र ने पैदा लिया था. आज उनकी (विवेकानंद जी) की भविष्यवाणी सही साबित हो रही है. वर्तमान समय में इस नरेंद्र यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरु बनने की ओर तेजी से अग्रसर है.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि विवेकानंद जी ने एक ऐसा भारत की कल्पना की थी. जहां कोई अशिक्षित, गरीब, बेकार या भूखा नहीं रहे. आज विवेकानंद जी का यही सपना 21वीं सदी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफल होता दिख रहा है. भारत हिमालय के शिखर पर खड़ा होकर पूरी दुनिया को प्रकाशमान कर रहा है. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए नित्यानंद राय ने आगे कहा कि विवेकानंद जी के के बचपन का नाम नरेंद्र था, और देश के प्रधानमंत्री का नाम भी नरेंद्र है. एक नरेंद्र की भविष्यवाणी को आज दूसरा नरेंद्र पूरा कर रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते दिनों पटना के गांधी मैदान के पास स्थित बापू सभागार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने भी लोगों को नौकरी देने के अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के पहले चरण के तहत स्वास्थ्य विभाग के लगभग 10 हजार कर्मियों को नियुक्ती पत्र प्रदान किया था. इसको लेकर तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर तंज भी कसा था. आज शुक्रवार को भी दानापुर में जल संसाधन मंत्री ने कई जूनियर इंजिनियरों को नियुक्ती पत्र सौंपा. बहरहाल राजनीतिक रूप से नौकरी दिये जाने को लेकर जिस दल को भी नफा-नुकसान हो. लेकिन राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बेरोजगारों को नौकरी दिये जाने के इस अभियान से बिहार के युवाओं की चांदी जरूर हो रही है.