गावों में रिहायशी जायदाद का ड्रोन से सर्वेक्षण कर लोगों को उसके मालिकाना हक का दस्तावेज मुहैया करवाने वाली योजना स्वामित्व संपत्ति कार्ड 24 अप्रैल से बिहार में भी चालू हो जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना के विस्तार का शुभारंभ करेंगे. पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस मनायेंगे.
वे 12 बजे दिन में राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में और पंचायती राज के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देश को संबोधित करेंगे.कहा कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन के क्रम में आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र के 5002 गांवों के 4.09 लाख ग्रामीण भू-स्वामियों को भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र एवं इ- प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करेंगे.
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के कई जिलों में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री देश के 30 राज्यों व संघ राज्यों की 313 चयनित ग्राम पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार, ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार और बाल हितेषी ग्राम पंचायत पुरस्कार के तहत प्रशस्तिपत्र, प्रतीकचिन्ह और राशि से सम्मानित करेंगे. इसका आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जायेगा.
स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत गांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में पूरा ब्योरा दर्ज किया जा रहा है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की संपत्तियों से जुड़ी फिजिकल कॉपी प्रॉपर्टी मालिकों को दी जाएंगी. वास्तव में स्वामित्व योजना ग्रामीण लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही कारगर और मददगार साबित हो सकती है.
बता दें कि इस योजना का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किया था. उन्होंने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन ही स्वामित्व योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गांव की जमीन की वैज्ञानिक तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए माप या पैमाइश की जाएगी.
स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों के सही आकलन करने का प्रयास है, जिसके तहत देश के सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. इससे संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी रहती है वो एक हद तक दूर हो जाएंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी.
Posted By; Utpal kant