पटना. पीएमसीएच में 5400 बेड का अस्पताल बनने जा रहा है. इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर चुके हैं. पीएमसीएच के आधुनिकीकरण के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में कई पुरानी बिल्डिंग को तोड़ कर नयी बिल्डिंग बनायी जानी है. लेकिन पटना मेडिकल कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों के संगठन ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज करवायी है.
बुधवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटना मेडिकल कॉलेज एल्युमिनी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि पीएमसीएच देश और दुनिया के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में से एक है.
हमारी मांग है कि इसका एडमिन ब्लॉक और हथुआ वार्ड जो कि हेरिटेज बिल्डिंग हैं, उन्हें नहीं तोड़ा जाये. ये दोनों बिल्डिंग पीएमसीएच के गौरवशाली इतिहास के प्रतीक हैं.
एसोसिएशन के संयोजक डॉ सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि पीएमसीएच को लेकर बनाये गये प्रोजेक्ट में कई विसंगतियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है.
प्रोजेक्ट में लेबोरेटरी मेडिसिन की चर्चा नहीं है. हमारी मांग है कि जब पीएमसीएच को 5400 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है, तो यहां आइजीआइएमएस की तरह डायरेक्टर का पद हो, इसे ऑटोनोमस संस्थान बनाया जाये.
बताया गया कि पीएमसीएच के पूर्ववर्ती छात्रों की एक कमेटी यहां होने वाले निर्माण कार्यों की निगरानी करेगी. 11 सदस्यीय कमेटी पटना मेडिकल कॉलेज एल्युमिनी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ सत्यजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में काम करेगी.
Posted by Ashish Jha