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PMCH: सफाई कर्मियों से एजेंसी ने कराया ट्रॉलीमैन का काम, अस्पताल से करा लिया 75 लाख का भुगतान

मेसर्स निश्का सिक्यूरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज ने पीएमसीएच के सरकारी खाते से 75 लाख 45 हजार 710 रुपये भुगतान कर लिया है. पीएमसीएच प्रशासन व महालेखागार की जांच रिपोर्ट में सफाई व ट्रॉली संचालन के लिए मैन पावर की आपूर्ति करने वाली एजेंसी की गड़बड़ी पकड़ी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2022 6:06 AM

दर्जनों नाम पर एकाउंट नंबर केवल एक

जांच में पाया गया कि निश्का के अंतर्गत काम करने वाले अधिकांश कर्मियों को बैंक के बदले हाथ पर ही महीने की पगार दी जा रही थी. वह पगार भी तय रेट से आधी या उससे भी कम थी. जबकि एग्रीमेंट में बैंक अकाउंट नंबर में कर्मियों को पगार देना था. इतना ही नहीं मामला पकड़ में नहीं आये इसलिए कुछ कर्मियों का अकाउंट नंबर खोला गया था, लेकिन उसके बदले दर्जनों व्यक्तियों का नाम शामिल कर दिया गया था. यानी एक अकाउंट नंबर पर दर्जनों कर्मियों का भुगतान कराया गया. बताया जा रहा है कि कई कर्मियों के बैंक अकाउंट भी गलत मिले हैं.

4 अप्रैल 2022 को ब्लैक लिस्ट हो गयी कंपनी

मामला पकड़ में आने के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद अधीक्षक द्वारा बीते 4 अप्रैल 2022 को ही निश्का कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था. इतना ही नहीं अब स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कंपनी की ओर से पेश किये गये बकाया बिल 63 लाख 46 हजार 720 रुपये को जुर्माने के तौर पर भुगतान के लिए रोक लगा दी गयी है. अस्पताल की ओर से स्पष्टीकरण के तौर पर कई सबूत मांगे गये, बावजूद कंपनी की ओर से सही सबूत प्रस्तुत नहीं किया जा सका. वहीं कंपनी के ब्लैक लिस्ट होने के बाद दूसरी कंपनी को सफाई व ट्रॉलीमैन की जिम्मेदारी दी गयी है.

गड़बड़ी मिलते ही निश्का एजेंसी को कर दिया था ब्लैक लिस्ट

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट पब्लिक ग्रीवांस सेल में शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से जांच कराया गया. जिसमें निश्का एजेंसी की ओर से कई गड़बड़ियां मिलीं. एग्रीमेंट कराते समय तय किया गया था कि सफाई कर्मी व ट्रॉली मैन अलग-अलग होंगे और उनका भुगतान बैंक में तय राशि के अनुसार करना होगा. लेकिन कंपनी की ओर से इस नियम की अवहेलना की गयी. सबूत के साथ मैंने पहले ही कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. वहीं महालेखागार की ओर से भी जांच जारी है, जिसका जवाब लिखित रूप से दिया जा रहा है. उम्मीद है कि कंपनी की और गड़बड़ियां पकड़ी जायेंगी.

रिपोर्ट: आनंद तिवारी

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