बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं हैं कई जांच और दवाएं, एक दिन में थूक, बलगम के लिये जाते हैं सिर्फ 12 सैंपल
पीएमसीएच में खून जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, इसीजी सहित तमाम जांच काउंटर पर लंबी लाइन लगी रही. खासकर महिलाओं को लंबी लाइनों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. सुबह छह बजे भी पहुंचने वाले दोपहर एक बजे तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे.
बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच में थूक और बलगम की जांच के लिए रोज सिर्फ 12 नमूने लिये जाते हैं. बुधवार को वहां थूक और बलगम के सैंपल लेने के लिए कलेक्शन सेंटर से 20 अप्रैल या उसके बाद का नंबर मिल रहा था. वहां के कर्मी का कहना था कि रोज कलेक्शन की अधिकतम सीमा 12 ही है. भीड़ बहुत है. वहीं, थूक और बलगम की जांच की सलाह वाले करीब 150 मरीज प्रतिदिन चेस्ट और टीबी रोग की ओपीडी में पहुंचते हैं. मरीजों की संख्या को देखते हुए जांच की संख्या बहुत कम है.
रजिस्ट्रेशन काउंटर नं-8 पर खराब प्रिंटर से परेशान रहे लाेग
पीएमसीएच में बुधवार को नये मरीजों को रजिस्ट्रेशन करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. रजिस्ट्रेशन काउंटर नंबर-8 का प्रिंटर खराब था. ऐसे में करीब घंटे भर इंतजार के बाद काउंटर से बताया गया कि यहां रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा, इसलिए 10 नंबर काउंटर पर लाइन लगा लीजिए.
जांच के लिए लंबी लाइनों से लोग परेशान
पीएमसीएच में खून जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, इसीजी सहित तमाम जांच काउंटर पर लंबी लाइन लगी रही. खासकर महिलाओं को लंबी लाइनों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. सुबह छह बजे भी पहुंचने वाले दोपहर एक बजे तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे. अंत में काउंटर बंद होने के बाद कई लोगों को मायूस लौटना पड़ा.
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कई जांच और दवाओं का इंतजाम नहीं
तमाम दावों के बावजूद पीएमसीएच में अब भी कई जांच और दवाओं का इंतजाम नहीं है. वहां के डॉक्टर जांच और दवाएं लिखकर उन्हें अस्पताल में ही उपलब्ध होने की संभावना भी जताते हैं. लेकिन,जांच काउंटर पर पहुंचने पर पता चलता है कि जांच की यह सुविधा यहां उपलब्ध नहीं है. इसमें पीटी, एपीटीटी, आइएनआर सहित अन्य शामिल हैं. यही हाल दवाओं का भी है