PMCH Strike के पांच दिन बाद खुली ओपीडी, काउंटरों पर अफरा-तफरी के बीच कटा पर्चा, 1876 मरीजों का हुआ इलाज

PMCH Strike के पांच दिन के हड़ताल के बाद मंगलवार को शहर के पीएमसीएच अस्पताल का ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर का ताला खुला तो इलाज के लिए मरीजों की भीड़ लग गयी. पटना सहित प्रदेश भर से पहुंचे मरीजों की भीड़ के चलते पर्चा बनवाने से लेकर जांच काउंटर तक धक्का-मुक्की रही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2022 4:48 PM
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PMCH Strike के पांच दिन के हड़ताल के बाद मंगलवार को शहर के पीएमसीएच अस्पताल का ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर का ताला खुला तो इलाज के लिए मरीजों की भीड़ लग गयी. पटना सहित प्रदेश भर से पहुंचे मरीजों की भीड़ के चलते पर्चा बनवाने से लेकर जांच काउंटर तक धक्का-मुक्की रही. फीस और डॉक्टर की सलाह के लिए मरीज- परिजन जूझते रहे. भीड़ की वजह से भगदड़ जैसी स्थिति बनने पर सुरक्षा कर्मियों ने मशक्कत कर स्थिति काबू पाया. गहमागहमी के बीच ओपीडी में कुल 1876 मरीज देखे गये.

काउंटर खुलने से 30 मिनट पहले ही लग गयी थी लाइन

मरीज व परिजनों को जैसे ही पता चला कि मंगलवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर खुले रहेंगे तो वह सुबह ही पीएमसीएच पहुंच गये. अस्पताल में सुबह 8 बजे से पहले ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो गयी थी. 9 बजे तक पर्चा काउंटर के सामने मरीजों की पूरी लाइन लग गयी. लाइन में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर खड़ी महिलाओं की पर्चा काउंटर पर तैनात कर्मचारी से जमकर कहासुनी हुई. पर्चा काउंटर पर दोपहर दो बजे तक मरीजों की लंबी लाइन लगी रही. हालांकि इलाज शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है.

जांच कराने से लेकर ओपीडी के बाहर तक लाइन लगी

अस्पताल के रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी सेंटर में जांच के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी. अस्पताल में खून की जांच कराने पहुंचे मरीजों को भी घंटों इंतजार के बाद बिना जांच ही लौटना पड़ा. इसके अलावा त्वचा, मेडिसिन रोड के फिजिशियन ओपीडी की लाइन अस्पताल के बाहर तक पहुंच गयी. हालांकि मरीजों की भीड़ को देखते हुए बाद में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को भेजा गया फिर व्यवस्थित तरीके से मरीजों का इलाज किया गया. यहां बता दे कि 21 सितंबर को पीएमसीएच के टाटा वार्ड में मरीज की मौत के बाद परिजन व डॉक्टर के बीच मारपीट के बाद जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक काम ठप कर दिया था. जिससे रोजाना मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

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