PMCH में भर्ती मरीजों को एक मिनट में मिल सकेगा 3750 लीटर ऑक्सीजन, नए प्लांट से ऐसे बचेगी पेसेंट की जान

PMCH (पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में अब ऑक्सीजन को लेकर समस्या नहीं होगी. अस्पताल ऑक्सीजन मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है. यहां 1 मिनट में 3750 लीटर ऑक्सीजन तैयार गयी है. इसके लिए अस्पताल परिसर में लगा दूसरा प्लांट भी शुरू कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2022 5:37 PM

PMCH (पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में अब ऑक्सीजन को लेकर समस्या नहीं होगी. अस्पताल ऑक्सीजन मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है. यहां 1 मिनट में 3750 लीटर ऑक्सीजन तैयार गयी है. इसके लिए अस्पताल परिसर में लगा दूसरा प्लांट भी शुरू कर दिया गया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर की देखरेख में इसकी शुरुआत की गयी है. इसके साथ ही अस्पताल में अब दो बड़े प्लांट एक साथ काम करना शुरू कर दिये हैं. ऐसे में अब यहां एक बार में 6 हजार मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया करा दिया जायेगा. इसके अलावा एक छोटा प्लांट पिछले साल ही शुरू कर दिया गया था. नये प्लांट का कनेक्शन इमरजेंसी वार्ड से लेकर राजेंद्र सर्जिकल वार्ड तक लगभग 700 बेड से किया गया है. अब इस ऑटोमेटिक प्लांट से ही बेड पर मरीजों को आसानी से ऑक्सीजन मिल जायेगी.

1250 लीटर के 3 प्लांट से हो रही ऑक्सीजन की सप्लाई

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि ऑक्सीजन को लेकर अस्पताल पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है. दूसरा बड़ा प्लांट भी मरीजों के लिए शुरू कर दिया गया है. ऐसे में अगर तीन से चार दिन टैंक भी नहीं आयेगी तो स्टॉक में पर्याप्त ऑक्सीजन रहेगा. अस्पताल में पीएसए प्लांट में 1250 लीटर प्रति मिनट हवा से तैयार करने वाले 3 प्लांट लगाये गये हैं. 1250 के एक प्लांट के साथ 3000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की भी क्षमता है. ऐसे में एक साथ चालू 3 प्लांट की क्षमता एक मिनट में 3750 लीटर से भी अधिक ऑक्सीजन तैयार करने और 9000 लीटर ऑक्सीजन स्टोर करने की है. तीनों प्लांट का ऑपरेशन पूरी तरह से ठीक है. जांच में प्रेशर और प्यूरिटी दोनों मानक के अनुसार है. दोनों का कनेक्शन बेड तक होने से अब ऑक्सीजन की समस्या नहीं होने पायेगी.

कोरोना काल में मरीजों को हुई थी सबसे ज्यादा परेशानी

गौरतलब है कि कोरोना काल में पीएमसीएच में मरीजों को ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा अस्पताल को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू की गयी थी. इससे सभी वार्ड में बेड के पास पर्याप्त फ्लो में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी.

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