PMCH की हड़ताल खत्म, अपर मुख्य सचिव के आश्वासन के बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर, कल से शुरू होगी ओपीडी
PMCH में जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गयी है. बताया जा रहा है कि जूनियर डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और पीएमसीएच के प्राचार्य ने आश्वासन दिया है. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गयी है.
Patna में PMCH में जूनियर डॉक्टरों हड़ताल खत्म हो गयी है. बताया जा रहा है कि जूनियर डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और पीएमसीएच के प्राचार्य ने आश्वासन दिया है. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गयी है. इसके बाद जूनियर डॉक्टर फिर से अपने-अपने काम पर लौट आए हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों मरीजों के परिजनों के साथ हुई मारपीट के बाद से पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर खास अकर पड़ा था.
ओपीडी काउंटर कराया बंद तो आक्रोशित हो गये परिजन, पुलिस पहुंची
हड़ताल के पांच-वे दिन भी आक्रोशित डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर में ताला जड़ दिया, इससे एक भी मरीजों का पर्चा नहीं कटा. लगभग 1500 से ज्यादा मरीजों का पर्ची तक नहीं कट पाया. यहां तक कि गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले मरीज का इमरजेंसी में भी इलाज नहीं हो पाया.सुबह 8:30 से दोपहर 1 बजे तक डॉक्टर अनशन पर बैठे रहे. डॉक्टर के हड़ताल के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों से यहां इलाज के लिए आने वाले बच्चे-बुजुर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद होने से नाराज मरीज व उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मामला इतना अधिक बढ़ गया कि एक परिजन व डॉक्टर के बीच धक्का-मुक्की होने लगी. सूचना मिलते ही मौके पर टीओपी थाने की पुलिस पहुंची तो मामला शांत हुआ.
पैथोलॉजी जांच व इलाज के लिए परिसर में काट रहे थे रात
पीएमसीएच में मरीजों का सबसे ज्यादा दबाव इमरजेंसी वार्ड के अलावा मेडिसिन, हीमैटोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, जनरल सर्जरी समेत दूसरे विभागों में देखने को मिली. खून जांच से लेकर इलाज कराने तक मरीज जद्दोजहद करते नजर आएं. सीनियर डॉक्टरों की ओपीडी में बैठने की सूचना के बाद कई मरीज इलाज कराने पहुंचे. लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से सीनियर डॉक्टर बाहर की पैथोलॉजी जांच नहीं लिखे. रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी की जांच के आस में दूरदराज जिलों से आये कुछ मरीज परिसर में रात काट को मजबूर थे.