बिहार में ठंड शुरू होते ही बढ़े निमोनिया के मरीज, गोपालगंज में हर रोज मिल रहे 10 से 15 बीमार बच्चे
Bihar News: सर्दी-जुकाम के साथ लोग निमोनिया से भी पीड़ित हो रहे हैं. इनमें सर्वाधिक प्रभावित छह माह से लेकर दो साल तक के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं.
बिहार में ठंड अब दस्तक दे दी है. ठंड का मौसम आते ही निमोनिया की बीमारी बढ़ने लगी है. अस्पतालों में बीमार बच्चे पहुंचने लगे है. वहीं, गोपालगंज के सदर अस्पताल के मेडिसन व इमरजेंसी तथा प्राइवेट अस्पतालों के बाल रोग विभाग के ओपीडी में रोज 10-15 रोगी पहुंच रहे हैं. सर्दी-जुकाम के साथ लोग निमोनिया से भी पीड़ित हो रहे हैं. इनमें सर्वाधिक प्रभावित छह माह से लेकर दो साल तक के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं. डॉक्टरों ने ठंड से बचने की सलाह देते हुए कहा है कि दिक्कत होने पर सरकारी अस्पतालों में उपचार कराएं. इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है.
निमोनिया का खतरा छह माह से दो साल तक के बच्चों में अधिक
ठंड के मौसम में बच्चों व बुजुर्गों को बचाकर रखने की जरूरत है. सदर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मंकेश्वर सिंह ने कहा कि निमोनिया का खतरा छह माह से दो साल तक के बच्चों में अधिक होता है. जो बच्चे मां का दूध पीते हैं, उनकी मां को भी इस मौसम में विभिन्न बीमारियों से बचने की जरूरत है. क्योंकि मां बीमार होगी तो बच्चों को भी बीमार होने का खतरा पैदा हो जायेगा. सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ सौरभ अग्रवाल ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में प्रतिदिन चार से पांच तथा इमरजेंसी में लगभग 10 मामले आ रहे हैं.
निमोनिया के लक्षण
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बलगम वाली खांसी आना
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कमजोर या थका महसूस
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सांस लेने में दिक्कत होना
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तेजी से सांस लेना
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सीने में दर्द, बेचैनी
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भूख कम लगना
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बुखार लगना
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बेचैनी महसूस करना
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पसीना और कपकपी होना
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ऐसे करें बचाव
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छह गिलास पानी पीएं
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अच्छे से बच्चों को दूध पिलाएं
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समय से टीका लगवाएं
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हरी पत्तेदार सब्जियां-फलों का सेवन करें
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मीट, मछली या अंडे को भोजन में शामिल करें
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घर व आसपास सफाई रखें
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बच्चों को उतने ही कपड़े पहनाएं, जिससे उनका शरीर गरम रहे