बिहार: महिला चिकित्सक का यौन शोषण करने वाले डॉक्टर को गया के अस्पताल से खींचकर ले गयी पुलिस, जानें मामला..
बिहार: गया के मगध मेडिकल कॉलेज में हाई वोल्टेज ड्रामा चला. पुलिस ने महिला चिकित्सक को शादी का झांसा देकर वर्षों तक उसका यौन शोषण करने वाले एक डॉक्टर को गिरफ्तार करके पुलिस ले गयी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल से पुलिस ने उसे लगभग घसीटते हुए थाने लाया.
Bihar Crime News: एक महिला डॉक्टर से शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने के मामले में गुरुवार को मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने की पुलिस ने गया के मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में पोस्टेड (बेगूसराय जिले के रहनेवाले) डॉ अतुल शेखर को गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ मुजफ्फरपुर लेकर रवाना हो गयी. डॉ अतुल शेखर की गिरफ्तारी के दौरान मगध मेडिकल के परिसर में खूब ड्रामा हुआ. बाद में डॉक्टर को पुलिस खींच कर ले गयी.
मगध मेडिकल कॉलेज से गिरफ्तारी
अहियापुर थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि डॉ अतुल के विरुद्ध 21 जून, 2023 को उक्त महिला डॉक्टर ने यौनशोषण सहित अन्य गंभीर मामलों को लेकर प्राथमिकी (थाना कांड संख्या 774/23) दर्ज करायी थी. गुरुवार को आइओ विनीता कुमारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों को मगध मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. कैंपस से ही आरोपित को गिरफ्तार किया गया है. मुजफ्फरपुर पुलिस के साथ गया पहुंची पीड़िता ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान डॉ अतुल से दोस्ती हुई थी. इसके बाद उसने शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया और जब शादी करने की बात आयी, तो मुकर गया.
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अहियापुर थानाध्यक्ष बोले
इधर, अहियापुर थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि यह मामला दोनों के परिजनों के पास भी पहुंचा. दोनों ओर से कहासुनी हुई है. रुपये के लेन-देन के दौरान मामला बिगड़ गया और डॉक्टर शादी करने की बात से मुकर गया. इसके बाद उससे अपना स्थानांतरण करा कर मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ज्वाइन कर लिया. आरोप है कि इस दौरान भी डॉ अतुल ने कई बार पीड़िता का यौन शोषण किया.
महिला डॉक्टर के साथ शादी का झांसा देकर यौनशोषण
महिला डॉक्टर के साथ शादी का झांसा देकर कई वर्षों तक यौनशोषण करने के आरोप में मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने की पुलिस ने गुरुवार को गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में पोस्टेड (बेगूसराय जिले के रहनेवाले) डॉ अतुल शेखर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस मगध मेडिकल थाने में आवश्यक कार्रवाई करने के बाद गिरफ्तार डॉक्टर को अपने साथ मुजफ्फरपुर लेकर रवाना हो गयी. हालांकि, आरोपित डॉ अतुल शेखर की गिरफ्तारी के दौरान मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर में खूब नौटंकी हुई. मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस मगध मेडिकल अस्पताल परिसर में पहुंची, तो डॉ अतुल अस्पताल के अधीक्षक के चैंबर में बैठ गये.
महिला दारोगा के साथ भी बदसूलकी
इस दौरान आरोपित डॉ अतुल शेखर का बॉडी लैंग्वेज व पुलिस पदाधिकारियों के प्रति व्यवहार ऐसा था कि उनके खिलाफ कोई मामला ही नहीं है. उसे गिरफ्तार करने अहियापुर थाने की महिला दारोगा आयी थीं. डॉ अतुल ने महिला दारोगा के साथ भी बदसूलकी की. इस दौरान अधीक्षक कार्यालय में बैठे अन्य पदाधिकारियों ने भी डॉ अतुल को समझाने का प्रयास किया कि आपके विरुद्ध मामला है. आप पुलिस व कोर्ट से संबंधित दस्तावेज को अच्छी तरह से देख लें. आप सरकारी नौकरी में हैं और नियमों का पालन करना ही होगा.
चैंबर में बैठे रहे डॉक्टर, पहुंची पुलिस
सभी बातें बताने के बाद भी डॉ अतुल शेखर अधीक्षक चैंबर में बैठे रहे. तब वहां मगध मेडिकल थानाध्यक्ष शैलेश कुमार अपनी टीम के साथ पहुंच गये. उन्होंने भी डॉ अतुल शेखर को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, वह अपनी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम का सहयोग करने को तैयार नहीं थे. तब मगध मेडिकल थानाध्यक्ष ने डीएसपी सहित अन्य वरीय अधिकारियों से बातचीत की और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया.
कमर को बेल्ट के सहारे पकड़ा और खींचकर ले गयी पुलिस
इसी दौरान अधीक्षक ने भी एसएसपी से बातचीत की. इसके बाद अधीक्षक सहित वहां बैठे अन्य पदाधिकारी चैंबर से निकल गये. जैसे ही सभी लोग चैंबर से निकले, तो पुलिस टीम ने डॉ अतुल शेखर के कमर को बेल्ट के सहारे पकड़ा और उसे वहां से खींचते हुए बाहर ले जाने लगी. इस दौरान डॉ अतुल शेखर ने पुलिस की पकड़ से छूटने को लेकर खूब उठा-पटक की. पुलिसकर्मियों व मीडियाकर्मियों को खूब भला-बुरा कहा. इस दौरान मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस टीम ने डॉ अतुल शेखर को पुलिस गाड़ी में बैठाया और मगध मेडिकल थाने में ले गयी. वहां भी डॉ अतुल शेखर पुलिस व मीडियाकर्मियों को धमकी देते हुए कह रहा था कि ”कितने दिन जेल में रहेंगे. जब जेल से बाहर निकलेंगे, तो इन पुलिसकर्मियों की वर्दी उतरवा देंगे.”
डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद मुख्यालय को भेजा पत्र
मगध मेडिकल अस्पताल से डॉ अतुल शेखर की गिरफ्तारी के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को जानकारी भेजी जा रही है. गिरफ्तार डॉक्टर को निलंबित करने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्णय लिया जायेगा. सारी वस्तुस्थिति की जानकारी पत्र के माध्यम से विभाग को दी जा रही है. इस तरह के मामले में किसी भी कर्मचारी या डॉक्टर को अस्पताल प्रबंधन सपोर्ट नहीं कर सकता है.
डॉक्टर एनके पासवान, उपाधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल