बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में 23 वर्षों से लूट, बैंक डकैती, हत्या, रंगदारी सहित अन्य संगीन आपराधिक घटनाओं में शामिल रहने वाले मोस्ट वांटेड छोटू खान को पुलिस ने गया के शेरघाटी बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया है. 2000 से अधिक आपराधिक घटनाओं में शामिल रहने वाला कुख्यात छोटू का नाम पुलिस की टॉप 10 सूची में शामिल था.
रविवार को एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि शेरघाटी थाने के अफजलपुर गांव के रहनेवाले रशीद खान उर्फ रासो खान का बेटा छोटू खान पुलिस की नजरों से बचने को लेकर अपना नाम बदलता रहता है. छोटू खान को लोग शमीम खान उर्फ मुन्ना खान के नाम से भी जानते हैं. फिलहाल छोटू खान बोधगया थाना इलाके के हरिहरपुर गांव में छिप कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था.
एसएसपी ने बताया कि कुख्यात छोटू खान के विरुद्ध पश्चिम बंगाल के आसनसोल थाना, झारखंड के इचाक, बरियातु, बेरमो, मांडू, रामगढ़, नावाडीह, कोडरमा, चास व बोकारो के कसमाडोर थाने में आर्म्स एक्ट, बैंक डकैती, लूट, धोखाधड़ी सहित अन्य संगीन मामले दर्ज हैं. साथ ही बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना और गया जिले के आमस, रामपुर, शेरघाटी, बोधगया, इमामगंज व बाराचट्टी थाने में आपराधिक मामले दर्ज हैं.
जानकारी के अनुसार, रंगदारी को लेकर छोटू खान ने शेरघाटी के एजेंसी के मालिक कन्हैया गुप्ता की हत्या के बाद चर्चा में आया था. कन्हैया गुप्ता की हत्या के बाद उक्त अपराधी द्वारा कई अन्य कांडों को भी अंजाम दिया गया. इस मामले को लेकर पांच अप्रैल 2006 में शेरघाटी में मामला दर्ज हुआ था. एसएसपी ने बताया कि शेरघाटी बस स्टैंड के पास कुछ अपराधियों के जमावड़े व किसी घटना को अंजाम देने को लेकर योजना बनाने की सूचना मिली. उसी सूचना पर त्वरित कार्रवाई की गयी और शेरघाटी बस स्टैंड की घेराबंदी करते हुए कुख्यात छोटू खान को गिरफ्तार किया गया. कुख्यात छोटू खान के विरुद्ध 2008 में पश्चिम बंगाल में आसनसोल थाने में केस दर्ज हुआ.
एसएसपी ने बताया कि छोटू खान के विरुद्ध सबसे पहले 2000 में झारखंड के बोकारो जिले के कसमार थाने में केस दर्ज हुआ. इसके बाद वह झारखंड छोड़ बिहार में आ गया. फिर 2004 में झारखंड इलाके में सक्रिय हुआ और 2004 में चार आपराधिक घटनाएं कीं. इन घटनाओं को लेकर 2004 में झारखंड के मांडू थाने में, नावाडीह थाने में, बेरमो थाने में और मांडू थाने में केस दर्ज किया गया.
2004 के बाद फिर छोटू खान ने बिहार की राह पकड़ ली और फिर वह झारखंड में 2007 में सक्रिय हुआ और उसके विरुद्ध रामगढ़ थाने में केस दर्ज किया गया. वहीं, 2007 में बास थाने में धारा 395 के तहत और कोडरमा थाने में धारा 395/412 / 120बी के तहत केस दर्ज किया गया. वहीं, 2008 में इचाक थाने में केस दर्ज किया गया. इसके बाद छोटू खान झारखंड इलाके में फिर 2010 में सक्रिय हुआ, तब उसके विरुद्ध 2010 में बरिया थाने में कांड संख्या 105/2010 दर्ज हुआ.
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एसएसपी ने बताया कि छोटू खान के विरुद्ध 2001 में इमामगंज थाने में केस दर्ज हुआ. इसके बाद 2002 में आमस थाने में केस दर्ज हुआ. फिर 2004 में रामपुर थाने में केस दर्ज हुआ. 2004 में ही बाराचट्टी थाने में केस दर्ज हुआ. एसएसपी ने बताया कि 2004 के बाद छोटू खान करीब छह वर्षों तक अंडरग्राउंड रहा. इसके बाद वह 2010 में फिर सक्रिय हुआ. तब उसके विरुद्ध 2010 में धारा 385/387/ 34 के तहत कांड सं0- 83/10 दर्ज हुआ.
2011 में छोटू खान ने तीन आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. तब इसके विरुद्ध 2011 में बोधगया थाने में आर्म्स एक्ट 3/4/5 विस्फोटक अधिनियम के तहत, शेरघाटी थाने में धारा 147/148/149/353/307 के तहत, बोधगया थाने में कांड संख्या- 195/11 दर्ज किया गया. वहीं, 2014 में शेरघाटी थाने में धारा-387 के तहत कांड संख्या 309/2014 दर्ज किया गया. एसएसपी ने बताया कि 2002 में कुख्यात छोटू खान के विरुद्ध रफीगंज थाने में कांड संख्या 27/2002 दर्ज हुआ.
एसएसपी ने बताया कि फरार अपराधियों की टॉप 10 की सूची में शामिल छोटू खान को गिरफ्तार करने में शामिल पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जायेगा. एसएसपी ने बताया कि इसके पहले गया पुलिस ने टॉप 10 की सूची में शामिल कुख्यात अपराधी बेलागंज थाने के रौना टोला महादेव बिगहा के रहनेवाले कृष्णा सिंह के बेटे उमा सिंह उर्फ उमाशंकर सिंह को बेला थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कुख्यात उमा सिंह के विरुद्ध बिहार व झारखंड के विभिन्न जिलों में 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं.