शादी होने से पहले पहुंची पुलिस, दूल्हे को लिया हिरासत में…
हिमाचल प्रदेश के दो लड़के की शादी नाबालिग लड़कियों के साथ करायी जा रही थी
बेगूसराय. बिहार के बेगूसराय में गुरुवार को दो नाबालिग लड़कियों से शादी करायी जा रही थी, इसकी सूचना पुलिस को लग गई. पुलिस को सूचना मिली की बखरी में नाबालिग दो लड़कियों का विवाह करायी जा रही है. बखरी पुलिस ने शादी होने से पहले ही पहुंची और दो दूल्हे को हिरासत में ले लिया है. पुलिस को सूचना मिली कि बागवन पंचायत अन्तर्गत सारबकोठी गांव में बुधवार की देर रात बाल विवाह कराया जा रहा है. जिसमें 30 वर्षीय दो लड़के की शादी दो अलग-अलग नाबालिग लड़कियों के साथ करायी जा रही है. जिसमें एक 14 वर्षीय दिव्यांग लड़की भी शामिल है. वहीं जिला सहायक समन्वयक ओमप्रकाश झा व बखरी प्रखंड समन्वयक महिला विकास निगम चंदन कुमार ने बताया कि बाल विवाह को लेकर निगरानी कमेटी का गठन किया गया है.
कमेटी ने सारबकोठी गांव में दो नाबालिग लड़की की शादी की सूचना दी गयी. पुलिस तत्काल बाल विवाह रोकने के लिए एसडीएम, बीडीओ, थानाध्यक्ष बखरी को जानकारी दी. तब जाकर शादी को प्रशासनिक स्तर पर रोक लगायी गयी. बीडीओ अमित कुमार पांडेय ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार बाल विवाह को रोका गया है. उन्होंने बताया कि 17 मार्च को हिमाचल प्रदेश के दो लड़के की शादी नाबालिग लड़कियों के साथ हो रही थी . इस संबंध में थाना में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया गया. मुकेश कुमार पासवान ने बताया कि आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के हरेराम सिंह के पुत्र सतीश कुमार व जय सिंह के पुत्र देवराज कुमार को हिरासत में लिया गया.
बाल विवाह रोकने के लिये किया जा रहा जागरूक
बाल विवाह को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. बाल विवाह को समाजिक बुराई भी माना जाता है. इसकी रोकथाम के लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा. तभी समाज इस बीमारी से मुक्त हो सकता है. बाल विवाह को रोकने के लिये प्रशासन की ओर से जागरूक भी किया जा रहा है. आम लोगों को भी इसके लिये आगे आने की जरूरत है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 को एक नवम्बर 2007 से लागू किया गया. इसमें बाल विवाह करना या करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है. कम उम्र की कन्याओं का विवाह होने या करवाने से बालिकाओं के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है.