पटना में झांसी से काेलकाता जाने वाली प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस पर शराब तस्कराें काे छुड़ाने के लिए ट्रेन पर पथराव करने के मामले में पुलिस ने यारपुर डाेमखाना में तीन घंटे तक छापेमारी की. इस दाैरान पुलिस ने 20 लीटर विदेशी व 30 लीटर देसी शराब बरामद करने के साथ गिरफ्तार शराब तस्कराें राजू कुमार और निखिल राज की निशानदेही पर शराब का धंधा और इन दाेनाें काे मदद करने वाले पांच धंधेबाजाें काे गिरफ्तार कर लिया.
टीम का नेतृत्व रेल डीएसपी मुख्यालय सुशांत कुमार चंचल कर रहे थे. टीम में पटना जंक्शन आरपीएफ के सहायक कमांडेंट उज्जवल दास, आरीएफ प्रभारी सुशील कुमार, जीआरपी थानेदार गाेपाल मंडल आदि थे. शनिवार की रात बारह बजे से तीन बजे तक आरपीएफ, जीआरपी, गर्दनीबाग समेत अन्य थानाें की पुलिस के अलावा मद्य निषेध इकाई के करीब 250 जवानाें व अधिकारियाें ने छापेमारी की. करीब 200 घराें में छापेमारी करने के लिए 60 वाहनाें से जवान व अधिकारी पहुंचे थे.
शनिवार काे करीब 10 बजे यारपुर- हार्डिंग पार्क यार्ड के बीच ट्रेन का चेन पुलिंग करने के बाद राजू और निखिल जब वाॅश रूम की खिड़की का शीशा ताेड़ कर भाग रहे थे तभी आरपीएफ ने दाेनाें काे गिरफ्तार कर लिया. इन्हीं दाेनाें काे छुड़ाने के लिए 50 से अधिक उपद्रवियाें ने ट्रेन पर पथराव कर दिया था. आरपीएफ ने वाॅश रूम में 13 पिट्ठू बैग में रखे 230 लीटर विदेशी शराब बरामद किया था.
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इस मामले में आरपीएफ के एसआइ मनीष कुमार के बयान पर राजू और निखिल काे नामजद करने के साथ ही 30 अज्ञात पर पटना जंक्शन जीआरपी में केस दर्ज किया गया था. जेल जाने से पहले राजू और निखिल ने बताया कि शराब का धंधा करने वाले गिराेह से जुड़े धंधेबाजाें के बीच काम का बंटवारा किया हुआ है.