बेगूसराय में शराब बनाने के आरोप में पुलिस ने की थी युवक की पिटाई, इलाज के दौरान मौत
Bihar News: पुलिस द्वारा मृत्यु हो जाने की सूचना के बाद परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों में चेरियाबरियारपुर थाना पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है.
बेगूसराय. पुलिस का बेरहम चेहरा सामने आया है. ताजा मामला क्षेत्र के चेरियाबरियारपुर प्रखंड अंतर्गत श्रीपुर पंचायत के वार्ड नंबर -11 गाछी टोला से सामने आ रही है, जहां उक्त गांव निवासी भातू पासवान के पुत्र लगभग 39 वर्षीय भीम पासवान की मौत पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई के कारण हो जाने की बात कही जा रही है. जानकारी के अनुसार, उक्त घटनाक्रम 16 दिसंबर की संध्या की बतायी जा रही है. तब से भीम का इलाज सीएचसी चेरियाबरियारपुर, सदर अस्पताल बेगूसराय एवं वहां से रेफर होने के बाद पटना के पीएमसीएच में 10 दिनों तक इलाज के बाद उसकी मौत हो गयी.
परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल
वहीं पुलिस द्वारा मृत्यु हो जाने की सूचना के बाद परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों में चेरियाबरियारपुर थाना पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. इस बाबत स्थानीय पुलिस प्रशासन ने बताया कि अवैध शराब व उपकरण के साथ गिरफ्तारी हुई थी, जिसे 17 दिसंबर को गिरफ्तारी के पश्चात न्यायालय के द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था. पुलिस के द्वारा कोई भी मारपीट नहीं की गयी थी. इसके बाबत चिकित्सीय जांच में पुष्टि की गयी है. मामला जेल प्रशासन से संबंधित है.
परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
मृतक की पत्नी रेखा देवी रोते रोते बेहोश हो जा रही थी. हालांकि ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा था. परंतु विधवा मां, पत्नी एवं नन्हें मुन्ने बच्चों के चीत्कार से हर किसी का कलेजा मुंह को आ रहा था. परिजनों के करूण क्रंदन से मुहल्ले में मातमी सन्नाटा है. लोगों का कहना है कि मृतक ही विधवा मां का सहारा था. उसकी मौत से पूरा परिवार बेसहारा हो गया है. मौके पर पंचायत के पूर्व मुखिया सह वरिष्ठ भाकपा नेता रामपदारथ सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचकर पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाते हुए जिला प्रशासन से उचित न्याय की मांग करते दिखे.
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गिरफ्तारी के चार घंटे बाद पुलिस ने मंगाया था बिछावन
मृतक के पड़ोसी देवनारायण पासवान, विपिन कुमार पासवान, पत्नी रेखा देवी आदि ने बताया कि 16 दिसंबर की संध्या एक पड़ोसी का दाह संस्कार कर भीम पासवान घर पहुंचा ही था कि पुलिस की गाड़ी आ धमकी तथा उसे पकड़ कर पिटाई करने लगी. स्वयं थानाध्यक्ष अमर कुमार बंदूक के कुंदा से कनपटी में मारे, जिससे वह गिर गया. तब पुलिस कर्मियों ने उठा कर पिटाई करते हुए गाड़ी में बैठा कर चलते बने तथा थाने पर लाकर भी बेरहमी से पिटाई की.
अगले दिन सदर अस्पताल में भर्ती होने की सूचना परिजनों को टेलीफोन पर मिली
पुलिस की पिटाई से जख्मी भीम पासवान को सुबह में कागज़ी कार्रवाई के उपरांत उसी हालत में जेल भेज दिया गया, परंतु जेल अधीक्षक ने उसकी हालत को देखते हुए जेल में रखने के बजाय उसे सदर अस्पताल भेजने की सलाह दी. वहां भर्ती करवाने की सूचना परिजनों को मिली, जहां 25 दिसंबर तक इलाज के उपरांत उसकी स्थिति में सुधार नहीं होता देख चिकित्सकों ने हायर सेंटर पटना रेफर कर दिया, जहां इलाज के क्रम में 27 दिसंबर की रात्रि उसकी मौत हो गयी. उसकी मौत की सूचना पुलिस से फोन से 28 दिसंबर की सुबह में मिली.