बिहार पुलिस ने साइबर अपराधियों और जातीय उन्माद फैलाने वालों को दी सलाह, एडीजी ने कहा- रखी जा रही कड़ी नजर
बिहार पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि खेल कूद में अपना टैलेंट दिखाए अपने स्किल का उपयोग उचित जगह पर करें अन्यथा जेल की हवा खानी पड़ेगी और भविष्य भी खराब हो जाएगा इसीलिए युवा पॉजिटिव दिशा में एनर्जी लगाए.
नवादा जिले में लकी ड्रॉ के नाम पर साइबर ठगी करने वाले 20 लोगों की गिरफ्तारी पर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि साइबर अपराधी अब शहरों की बजाय गांवों के बगीचे और बधार में बैठ कर ऑनलाइन ठगी करने लगे हैं. इओयू और जिला पुलिस ऐसे लोगों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई में जुटी हुई है. इसमें संलग्न युवाओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि अपनी ऊर्जा और अधूरे स्किल का इस्तेमाल खेल-कूद गतिविधियों या पुलिस-मिलिट्री में शामिल होकर करें. इससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी और देश-प्रदेश का भी नाम रोशन होगा.
जातीय उन्माद फैलाने वालों पर रखी जा रही कड़ी नजर
जातीय गणना के बाद कुछ लोगों द्वारा जातीय उन्माद फैलाये जाने संबंधित सवाल का जवाब देते हुए एडीजी ने कहा कि जाति, धर्म या किसी अन्य नाम पर उन्माद फैलाने वाले तत्वों के विरुद्ध बिहार पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. ऐसे लोगों पर सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से 24 घंटे कड़ी नजर रखी जा रही है. आपत्तिजनक कंटेट देखे जाने पर उनके खिलाफ आइटी एक्ट व आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की जायेगी.
शव नदी में फेंकने के मामले में दोनों होमगार्ड जवान होंगे डिसमिस
मुजफ्फरपुर के फकोली ओपी अंतर्गत सड़क दुर्घटना से मृत व्यक्ति के शव को नदी में फेंके जाने का एक वीडियो बीते दिनों खूब वायरल हुआ था. अब इस मामले में बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि हमने वीडियो देखा है. मामले को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है. प्रथम दृष्टया में तीनों पुलिसकर्मी को दोषी पाया गया है. जिसके बाद इस मामले में चालक सिपाही को निलंबित कार दिया गया है, जबकि दोनों गृहरक्षकों को ड्यूटी से वंचित कर दिया गया है. गृहरक्षकों को डिसमिस करने की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में फकोली ओपी प्रभारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो सकी है.
सारण मद्य निषेध की छापेमारी के दौरान एक ग्रामीण की मौत
एडीजी गंगवार ने छह अक्तूबर को सारण के कोपा थानान्तर्गत मद्य निषेध की छापेमारी के दौरान एक ग्रामीण की हुई मौत मामले में बताया कि मृतक ग्रामीण का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है. मौत की मजिस्ट्रेटियल जांच करायी जा रही है. मद्य निषेध कर्मियों की तरफ से भी ग्रामीणों पर हमला, विरोध एवं मारपीट किये जाने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
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दूसरी सूची में 1816 एएसआइ को एसआइ का मिला कार्यकारी उच्चतर प्रभार
एडीजी (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने बताया कि बिहार पुलिस मुख्यालय ने दूसरी सूची में 1816 अवर पुलिस निरीक्षकों (एएसआइ) को अवर निरीक्षक (एसआइ) का कार्यकारी उच्चतर प्रभार सौंपा है. सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी. पहले से उच्चतर प्रभार प्राप्त 3279 एएसआइ को मिला दें तो अब तक 5095 एएसआइ को उनके वर्तमान पदस्थापन वाले जिला या इकाई में एसआइ का उच्चतर प्रभार दिया गया है.
अब तक एसआइ में 3050 और एसआइ से इंस्पेक्टर में 1168 को उच्चतर प्रभार
एडीजी ने बताया कि अब तक सिपाही से एसआइ में 3050 और एसआइ से इंस्पेक्टर में 1168 को उच्चतर प्रभार दिया गया है. इस पर उच्चतर प्रभार प्राप्त करने वाले कुल पुलिसकर्मियों की संख्या 9313 हो गयी है. अन्य लंबित मामलों की समीक्षा प्रक्रियाधीन है. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 200 इंस्पेक्टर के डीएसपी में उच्चतर प्रभार दिये जाने के मामले में कर्मियों की सेवा पुस्तिका सहित अन्य अभिलेखों की गहन जांच चल रही है. क्लियरेंस मिलते ही गृह विभाग को सूची भेज दी जायेगी.
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