24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फोटो से शव का मिलान करने में कई घंटों तक उलझी रही पुलिस, भाकपा-माओवादी संगठन के शीर्ष नेता थे संदीप यादव

भाकपा-माओवादी नेता संदीप यादव की मौत की खबर पर पुलिस ने पहले भरोसा नहीं किया. उसके बाद पुलिस ने शव का निरीक्षण किया, तो माना कि यह संदीप यादव ही है. हालांकि, इसमें भी पुलिस काे खुफिया सूत्र और परिजनों का सहारा लेना पड़ा.

बांकेबाजार. बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल की पुलिस पिछले 27 वर्षों में भाकपा-माओवादी नेता संदीप यादव को गिरफ्तार करना तो दूर, उनकी एक तस्वीर भी नहीं जुटा पायी. यही कारण रहा कि जो फोटो पुलिस के पास था, वह संदीप यादव के शव से मिलान नहीं हो रहा था और उनको पहचानने में कई घंटों तक पुलिस उलझी रही. बुधवार की रात भाकपा-माओवादी नेता संदीप यादव की मौत की खबर पर पुलिस ने पहले भरोसा नहीं किया. उसके बाद पुलिस ने शव का निरीक्षण किया, तो माना कि यह संदीप यादव ही है. हालांकि, इसमें भी पुलिस काे खुफिया सूत्र और परिजनों का सहारा लेना पड़ा.

आखिरकार पुलिस को संदीप यादव का शव परिजनों द्वारा ही सौंपा गया. अर्धसैनिक बलों के पास जो संदीप यादव की तस्वीर थी, उससे हट कर उनका शव पाया गया. यही कारण रहा कि पुलिस कई घंटों तक फोटो से शव का मिलान करने में उलझी रही. शव की पहचान संदीप यादव के पिता रामदेव यादव ने की. स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना जैसे ही लगी कि देखते-देखते पूरा लुटुआ क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.

शव सीआरपीएफ कैंप में रखा गया था

सीआरपीएफ व स्थानीय पुलिस की सहायता से शव को बड़ी मशक्कत के बाद अपने कब्जे में लेकर वहां से लाकर लुटुआ सीआरपीएफ कैंप में रखा गया, जहां से गुरुवार की अहले सुबह पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल सह अस्पताल गया भेज दिया गया. इधर, गुरुवार की सुबह से ही उनके शुभचिंतकों एवं परिजनों का बाबूरामडीह गांव में आना-जाना लगा रहा. ग्रामीणों ने बताया कि शव को अपने कब्जे में लेने के दौरान पुलिस परिजनों से अभद्रता के साथ पेश आयी. हालांकि, पुलिस ने इससे इन्कार किया है.

1990 से संदीप यादव संगठन में हुआ था शामिल

भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता के रूप में विख्यात संदीप यादव बांकेबाजार हाइस्कूल से साल 1990 में मैट्रिक पास करने के बाद (आरएसएल) क्रांतिकारी छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष बने. उसके बाद से लगातार खुला संगठन में अपनी पैठ बनाते गये. संदीप यादव ने एसएमएसजी कॉलेज शेरघाटी से इंटरमीडिएट पास की है. उस समय भी क्रांतिकारी छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे.

1994 में संदीप शेरघाटी के तत्कालीन डीएसपी के हत्थे चढ़े थे

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 1994 में संदीप शेरघाटी के तत्कालीन डीएसपी के हत्थे चढ़े थे. लेकिन, उस समय भी पुलिस द्वारा मारपीट एवं हिदायत के बाद थाना से ही रिहा कर दिया गया था. इसके बाद कोठी थाने की पुलिस ने सन 1997 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. चार माह जेल में बंद रहने के बाद जब बाहर निकले, तो वह संगठन के लिए ही कार्य करने लगे. तब से लगातार इनकी पैठ बिहार-झारखंड के अलावा कई राज्यों में फैल गयी.

बाराचट्टी थाने में भी 2009 में दर्ज हुआ था मुकदमा

बाराचट्टी. बांकेबाजार के बाबुरामडीह गांव के शिर्ष नक्सली संदीप पर बाराचट्टी थाने में भी साल 2009 में मुकदमा दर्ज किया गया था.2009 में बाराचट्टी के कदल बरसुदी आदि इलाके पुलिस सीआरपीएफ की टीम के साथ दिन के उजाले में जमकर मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ की इस घटना में दोनों तरफ से जमकर मुठभेड़ गोलीबारी हुई थी. सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि कदल बरसुदी इलाके में बिहार-झारखंड आंध्रप्रदेश इलाके के नक्सलियों का जमावदा लगा है. इसके बाद पुलिस की टीम छापेमारी को निकली थी. इस दौरान दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई थी. इस दौरान सीआरपीएफ जवानों ने 32 मोर्टार के गोले दागे थे. तब के तत्कालीन थाना प्रभारी सत्येंद्र मिश्र ने बताया कि नक्सलियों की उस बैठक में विजय कुमार उर्फ रुपेश जी उर्फ संदीप यादव भी शामिल था. इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

मीडिया कर्मी से संदीप की बेटी बोली- हू आर यू

दुनिया में पिता और औलाद का रिश्ता क्या होता है यह एक इन दोनों से बेहतर कौन जानता है. संदीप यादव दुनिया के लिए माओवादियों के शीर्ष नेता थे, परंतु अपनी औलाद के लिए वह एक पिता थे. अपने पिता की मौत के गम में एक बेटी इतना गमगीन थी कि वह दुख के आगे किसी को नहीं पहचान रही थी. पिता के जाने के बाद मानो उसकी पूरी दुनिया ही समाप्त हो गयी है, तभी तो गुरुवार की अहले सुबह जब मीडिया कर्मी समाचार संकलन के लिए उसके घर गये, तो मीडिया कर्मी को देखते ही भड़क गयी और बोली हू आर यू? उसके बाद पत्रकारों ने अपना परिचय देते हुए समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह एक भी नहीं सुनी और स्थानीय पत्रकार बिना न्यूज कवरेज ही निकल गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें