26 साल से 7 लोगों को तलाश रही पटना के इन दो थानों की पुलिस, अब अदालत ने उठाये कार्यशैली पर सवाल
पिछले 26 साल से पटना के दो थानों की पुलिस 7 लोगों को तलाश रही है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. अब अदालत ने पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठाया है. पटना के एडीजे 20 मनीष द्विवेदी की अदालत ने कारण बताओ नाेटिस जारी किया है.
पटना. पिछले 26 साल से पटना के दो थानों की पुलिस 7 लोगों को तलाश रही है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. अब अदालत ने पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठाया है. पटना के एडीजे 20 मनीष द्विवेदी की अदालत ने बम मार कर दो सिपाहियों समेत चार लोगों को घायल करने के मामले में कंकड़बाग थाने में वर्ष 1996 में दर्ज केस में 26 वर्षों से फरार चल रहे सात अभियुक्तों को कोर्ट में पेश न करने के मामले में नालंदा के कराय परशुराय थाना व मसौढ़ी के थानाध्यक्ष को कारण बताओ नाेटिस जारी किया है. साथ ही अदालत ने दोनों थानाध्यक्षों को 19 दिसंबर को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण का जवाब देने का भी निर्देश दिया है.
12 अगस्त, 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी
फरार चल रहे अभियुक्तों पर जारी वारंट की तामिला रिपोर्ट छह जनवरी, 2022 को दोनों थानाप्रभारियों से मांगी, तो इसका कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद फिर से कोर्ट ने 12 अगस्त, 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आदेश की प्रति एडीजी प्रशासन, एसपी पटना व एसपी नालंदा को भेजा था. लेकिन, पुलिस विभाग द्वारा न तो कोई कार्रवाई की गयी और न ही स्पष्टीकरण का जवाब दिया गया. जबकि उक्त मामले को पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर वरीयता के आधार पर चलाने व निष्पादन करने का आदेश है.
छह नवंबर, 1996 को आरोप पत्र दाखिल
यह मामला कंकड़बाग थाने में 10 अगस्त, 1996 को आठ अभियुक्तों के खिलाफ भादवि की धारा 147,148,149,307,324,334 व 3,4,5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में दर्ज हुआ था. पुलिस ने छह नवंबर, 1996 को आरोपपत्र दाखिल किया था. इस मामले में अभियुक्तों ने उर्वशी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड पर बम मार कर दो पुलिसकर्मियों व उसके मालिक व सेल्समैन को घायल कर दिया गया था. इसके बाद नालंदा निवासी सत्येंद्र सिंह उर्फ हथकट्टा, सतेंद्र सिंह, संजय कुमार सिंह, मसौढ़ी थाना निवासी ईश्वरनंद सिंह, सर्वजीत सिंह व उमेश सिंह को आरोपित बनाया गया था.