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Bihar: ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों से पुलिस ने वसूले 58.5 हजार, जानिए क्या है पूरा मामला…

बुलेट बाइक में साइलेंसर मोडिफाइड कराने वालों से 16 हजार का जुर्माना वसूला गया. चार पहिया वाहनों की जांच में बिना सीट बेल्ट लगाने वालों से 14 हजार का जुर्माना वसूला गया. बिना हेलमेट के चलने वाले बाइक चालकों से आठ हजार का जुर्माना वसूला गया.

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है. शनिवार को बिहार के गोपालगंज के विभिन्न जगहों पर विशेष अभियान चलाकर पुलिस ने 58 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूला. इसमें सबसे अधिक जुर्माने की राशि ट्रिपल लोडिंग वाले बाइक चालकों से वसूली गयी. ट्रिपल लोडिंग में 22 हजार का जुर्माना वसूला गया.

वहीं बुलेट बाइक में साइलेंसर मोडिफाइड कराने वालों से 16 हजार का जुर्माना वसूला गया. चार पहिया वाहनों की जांच में बिना सीट बेल्ट लगाने वालों से 14 हजार का जुर्माना वसूला गया. बिना हेलमेट के चलने वाले बाइक चालकों से आठ हजार का जुर्माना वसूला गया. वहीं नो पार्किंग में बाइक खड़ी करने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना हुआ. पुलिस की कार्रवाई से बाइक व चार पहिया वाहन के चालकों में हड़कंप मचा रहा.

हर तरह के वाहन चालकों द्वारा लाल बत्ती के नियमों को तोड़ने और स्टॉप लाइन के उल्लंघन करने पर पांच हजार जुर्माना देने के नियम को बदल दिया गया है. अब वाहनों के अनुसार उनके जुर्माना की राशि तय की गयी है. दो पहिया वाहन चालक को पांच हजार के बजाये अब एक हजार रुपया ही जुर्माना देना होगा. तीन पहिया वाहन के लिए दो हजार, चार पहिया छोटे वाहन के लिए तीन हजार, मध्यम वाहन के लिए चार हजार और सभी प्रकार के भारी वाहन के लिए पांच हजार जुर्माना की राशि तय की गयी है.

ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर अब वाहनों के अनुसार लगेगा जुर्माना

सभी तरह के वाहन के राॅन्ग साइड के नियमों का उल्लंघन पर पांच हजार जुर्माने की जगह वाहन की स्थिति के अनुसार जुर्माना वसूला जायेगा. इसके तहत दो पहिया वाहन से एक हजार, तीन पहिया से दो हजार, चार पहिया छोटे वाहन से तीन हजार, मध्यम वाहनों से चार हजार और सभी प्रकार के भारी वाहन से पांच हजार जुर्माना लिया जायेगा. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इससे संबंधित अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी है. इधर, बाकी यातायात के नियमों का उल्लंघन करने के लिए ली जाने वाली जुर्माने की राशि यथावत है.

अवैध रुप से वाहन निबंधन प्लेट निर्माण करने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है. परिवहन सचिव ने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त हो रही है कि मानक के विरुद्ध स्थानीय स्तर पर वाहन निबंधन प्लेट का निर्माण कर निबंधन संख्या अंकित किये जा रहे हैं. साथ ही वाहनों की मूल निबंधन संख्या की जगह दूसरे निबंधन संख्या का फर्जी नंबर प्लेट दुकानों/फुटपाथों पर लगे दुकानों में बनाये जा रहे हैं.

नंबर प्लेट पर फैंसी तरीके से बॉस, पापा आदि लिखवाना अवैध

परिवहन सचिव ने बताया कि वाहन के नंबर प्लेट पर फैंसी तरीके से विभिन्न निबंधन संख्या को अलग-अलग तरह से लिखवाना अवैध है. देखा जा रहा है कि कई वाहन चालक अपने वाहनों के नंबर प्लेट पर निबंधन संख्या को छेड़-छाड़ करते हुए बॉस, पापा आदि अंकित कर वाहन का परिचालन करते हैं.

फर्जी एचएसआरपी प्लेटों पर अंकुश लगाना अपराध की रोकथाम के लिए आवश्यक है. फर्जी नंबर प्लेट लगे होने की वजह दुर्घटना इत्यादि होने पर वाहन के संबंध में जानकारी मिलने में कठिनाई होती है, जिससे अनुसंधान कार्य में विलंब होता है.

क्या है प्रावधान

केन्द्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम-50 एवं 51 में एच.एस.आर.पी. के संबंध में प्रावधान किया गया है एवं प्रत्येक वाहन स्वामी को उपर्युक्त प्रावधान के अनुरूप ही अपने वाहन पर एच.एस.आर.पी. लगाना अनिवार्य है. बिना एच.एस.आर.पी. लगे वाहन का परिचालन किये जाने पर मोटरवाहन अधिनियम, 1988 की धारा-177 एवं धारा-179 का उल्लंघन मानते हुए ऐसे वाहनों पर शमन की कार्रवाई किये जाने का प्रावधान परिवहन विभाग द्वारा किया गया है.

एचएसआरपी लगाने के लिए संबंधित कंपनी अधिकृत

राज्य में नये वाहनों में संबंधित कंपनी/अधिकृत विक्रेता को एच.एस.आर.पी. लगाना है, जबकि पुराने वाहनों में एच.एस.आर.पी. लगाने के लिए जिस कंपनी का वाहन है उसी कंपनी को अधिकृत किया गया है.

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