गया. बिहार में बालू माफियाओं पर पुलिस का खौफ कम होता जा रहा है. आये दिन छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर हमले की खबर आती रहती है. ताजा मामला गया के खिजरसराय थाने क्षेत्र का है. यहां अवैध बालू के कारोबार से जुड़े लोगों की तलाश में पहुंची पुलिस टीम पर लोगों ने हमला कर दिया. लोगों का कहना था कि पुलिए निर्दोश लोगों को पीट रही है. एक आरोपित की हुई पुलिसिया पिटाई से गांव के लोग इतने आक्रोशित हो गये कि पुलिस टीम पर हमला कर दिया. उन्होंने पूरी टीम को गांव में घेर लिया. उनपर रोड़ेबाजी शुरू कर दी. लोगों के आक्रोश और रोड़ेबाजी को देखते हुए पुलिस की टीम रक्षात्मक हो गयी. यहां तक कि एक पुलिस पदाधिकारी को खुद को सुरक्षित करने के लिए सर्विस पिस्टल निकाल कर भांजना पड़ा.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि डीएसपी कमलेश कुमार के नेतृत्व में खिजरसराय थाने की पुलिस टीम शादीपुर में अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई करने को निकली थी. अवैध बालू खनन करने वाले माफियाओं पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी थी. चिन्हित स्थान पर जाने के क्रम में शादीपुर गांव में सड़क किनारे कुछ लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया और कई की पिटाई कर दी. इसके बाद पूरे गांव के लोग हत्थे से उखड़ गये. इस बीच फल्गु नदी की ओर से लौटने के दौरान लोगों ने पुलिसकर्मियों पर रोड़ेबाजी शुरू कर दी. अचानक हुई रोड़ेबाजी से पुलिसकर्मी बैकफुट पर आ गये.
बताया जाता है कि लोगों का गुस्सा इतना भड़का कि भीड़ ने खिजरसराय थाने के पुलिस पदाधिकारी अमरजीत चौधरी को घेर लिया. इसके बाद कोई चारा न देख अमरजीत चौधरी ने खुद को बचाने के लिए अपनी सर्विस पिस्टल बाहर निकाल ली. काफी देर तक वो सर्विस पिस्टल को भीड़ के बीच भांजते रहे और इस दौरान वीडियो भी बनाते रहे. इस बीच कुछ लोगों ने उनकी सर्विस पिस्टल को छीनने की भी कोशिश की. अब ये जांच का विषय है कि पुलिस ने आखिर ग्रामीणों को क्यों पीटा? जिसके बाद वे आक्रोशित हुए और वापस लौटती पुलिस को घेरकर रोड़ेबाजी की. वैसे इस संबंध में डीएसपी कमलेश कुमार ने बताया है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों की पहचान की जा रही है.