बिहार में भी सियासी हलचल तेज, नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे जदयू नेता, भाजपा के विधायक पटना बुलाये गये

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद भाजपा ने भी अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है. गुरुवार की दोपहर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और रेणु देवी समेत कई नेता दिल्ली गये हैं. इधर मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के तमाम बड़े नेताओं का जमघट लगा हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2024 5:03 PM

पटना. बंगाल के बाद बिहार में भी सियासी हलचल तेज हो गया है. कभी भी कुछ हो सकता है. सुबह से लगातार राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहा है. आज प्रस्तावित बिहार कैबिनेट की बैठक तो हुई, लेकिन एजेंडा सामने नहीं आया. इधर राहुल गांधी की रैली में जाने का कार्यक्रम भी नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया है. नीतीश कुमार का झारखंड दौरा भी रद्द किया जा चुका है. इधर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद भाजपा ने भी अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है. गुरुवार की दोपहर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और रेणु देवी समेत कई नेता दिल्ली गये हैं. इधर मुख्यमंत्री आवास पर जदयू के तमाम बड़े नेताओं का जमघट लगा हुआ है.

नीतीश और रोहणी दोनों के पोस्ट से आया सियासी भूचाल

जानकारों की माने तो अगले कुछ घंटों में बिहार में खेला होगा. इसकी शुरुआत अब दिखने लगी है. नीतीश कुमार ने कर्पूरी को भारत रत्न देने के लिए सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट को संशोधित कर प्रधानमंत्री का नाम जोड़ा, वहीं कुछ घंटे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया. हालांकि कुछ देर के बाद ही रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखी बात को डिलीट भी कर दिया. और अब, भाजपा ने अपने सारे विधायक को पटना बुला लिया है. जानकारी के मुताबिक, चार बजे तक उन्हें पटना में उपस्थित रहने के लिए निर्देश दिया गया है. लगातार बदल रहे घटनाक्रम से यह दिखने लगा है कि हो न हो बिहार में कुछ बड़ा होने जा रहा है.

बिहार विधानसभा में भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी है

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और इसी गठबंधन को सरकार चलाने के लिए जनमत मिला था. बीच में नीतीश कुमार ने भाजपा से दूरी बना ली और महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गए. बिहार विधानसभा में संख्या के लिहाज से राजद पहले नंबर पर है. उसके पास 79 विधायक हैं. इसके बाद भाजपा है. भाजपा के पास 78 विधायक हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास विधायकों की संख्या 45 है. ऐसे में भाजपा विधायकों का पटना बुलाया जाना महागठबंधन सरकार की अस्थिरता की खबर को आगे बढ़ा रहा है.

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नीतीश कुमार का प्रेशर पॉलिटक्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ देशभर के भाजपा-विरोधी दलों को एकजुट करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन की बात कोई नहीं समझ पा रहा है. उनपर प्रेशर पॉलिटक्स का आरोप पक्ष-विपक्ष, दोनों ओर से लगता रहा है, लेकिन इस बार बात आगे बढ़ गई लगती है. कथित दबाव के नाम पर जो कराना था, वह हो चुका है. अब महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाईटेड के बीच सीधी लड़ाई भी सामने दिख रही है. साथ ही दिख रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा और मोदी के प्रति थो,ड़े नरम हैं. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता निशाने पर लालू यादव परिवार को ले रहे, नीतीश पर नरमी दिखा रहे.भाजपा ने अपने विधायकों को पटना बुला लिया है तो बिहार विधानसभा का गणित देखना भी मौजूं है.

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