पटना. बिहार में लोगों को जनवरी माह की सियासी खिचड़ी का इंतजार रहता है. साल में तीन ऐसे मौके आते हैं जब बिहार में भोज की एक सियासत होती है. मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित चूड़ा दही के भोज में कौन कहां आता है, इससे बिहार की राजनीति में चले रहे घटनाक्रम का पता चलता है. हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति के मौके पर होनेवाले भोज का लोगों को इंतजार है. इस बार उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर भोज की तैयारी चल रही है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह वर्षों से आयोजन करते रहे हैं. इस बार हमने उनसे मिलकर कहा कि अपने आवास पर आयोजन करना चाहते हैं. दादा ने इसकी अनुमति दे दी है. मुख्यमंत्री को भी हमने आमंत्रित किया है और सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे.
दरअसल, वशिष्ठ नारायण सिंह वर्षों से यह आयोजन करते रहे हैं, तो लालू प्रसाद यादव के आवास पर भी भोज होता रहा है. कई अन्य दल के नेता भी चूड़ा दही भोज का आयोजन करते हैं, लेकिन चर्चा सबसे अधिक वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर होने वाले चूड़ा दही भोज की ही होती रही है. कई दलों के नेता भी उसमें शामिल होते हैं और इसके कारण सियासी उलटफेर के भोज से संकेत भी मिलते रहे हैं. पिछले तीन दशकों से चूड़ा दही भोज का आयोजन करनेवाले जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह स्वास्थ्य के कारणों को लेकर पिछले कुछ वर्षों से उनके घर यह आयोजन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इस भोज का आयोजन कोई न कोई नेता अपने घर करता है. पिछले साल संजय झा ने इस भोज का आयोजन किया था तो इस साल यह जिम्मा जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उठा लिया है.
उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर 14 जनवरी को चूड़ा दही भोज हो रहा है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि दादा वर्षों से आयोजन करते रहे हैं. उनसे हमने मिलकर कहा कि इस बार अपने आवास पर आयोजन करना चाहते हैं. दादा ने इसकी अनुमति दे दी है. दादा से अनुमति मिलने के बाद हमने मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया है. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि पार्टी से अलग हटकर आयोजन हो रहा है, इसलिए सभी दलों के नेताओं को चूड़ा दही भोज में आमंत्रित करेंगे. उन्होंने मीडिया को भी कहा कि आप लोगों को भी आमंत्रण दे रहा हूं.