पटना. एनसीपी में टूट के बाद बिहार में भी जमकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. इस प्रकरण पर महागठबंधन के नेता भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, भाजपा इसे महागठबंधन के लिए एक सबक बता रही है. राजद से राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि पीएम मोदी ही एनसीपी में टूट का स्क्रिप्ट खुद लिखे थे. जदयू नेता राजीव रंजन ने इस पर कहा कि हर दल में एक एकनाथ शिंदे को खोजना भाजपा की सियासत की फितरत है वहीं, इस आरोप पर भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि परिवारिक पार्टी के लिए यह एक सबक है.
महाराष्ट्र प्रकरण पर जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने कहा कि महाराष्ट्र से उत्साहित होकर अगर भाजपा बिहार में टांग अड़ाने की कोशिश करेगी तो लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटें हार जाएगी. जनता करारा जवाब देगी. उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन एकजुट है और साथ है. भाजपा इसलिए डरी हुई है कि इसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह राजद-जदयू के एक होने से भाजपा की जो हालत हुई थी वह 2024 चुनाव में भी होगी.
राजद से राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि महाराष्ट्र में नौ मंत्री एनसीपी कोटे से बने. अजित पवार डिप्टी सीएम बने. इन लोगों का खुद का यह निर्णय नहीं है. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नेताओं के पीछे जांच एजेंसियों को लगाकर दवाब बनाया गया है. पीएम मोदी भोपाल में बोले ही थे कि किसी भी भ्रष्टाचारी को नहीं छोड़ेंगे.
महाराष्ट्र के बाद भाजपा ने बड़ा दावा कर दिया है. भाजपा ने कहा है कि बिहार में भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ये दावा किया है. उन्होंने कहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का इफेक्ट है. विपक्षी बैठक के बहाने राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी. इसके खिलाफ रिएक्शन हुआ है. विधायक और सांसद दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी के नाम पर वोट मिलना असंभव है. वहीं, बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि एनसीपी में हुई टूट भारत के सभी परिवार आधारित और निजी पॉकेट की दुकान वाले राजनीतिक दलों के लिए एक सबक है.