मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोमवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 129 सदस्यों ने वोट किया, जबकि वोटिंग के दौरान विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण एक भी वोट नहीं पड़ सका. बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह के साथ-साथ राजद के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने भी नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया.
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भी वोटिंग करायी गयी. इसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 125 और विपक्ष में 112 वोट पड़ने पर बहुमत से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाये जाने का संकल्प पारित कर दिया गया. इससे पहले विपक्ष की मांग के बीच आसन पर बैठे उपाध्यक्ष जदयू के महेश्वर हजारी ने दोनों पक्षों के सदस्यों को बारी-बारी से खड़े होकर उनकी गिनती करायी.
जब सदन में अध्यक्ष के खिलाफ बहस चल रही थी,उसी दौरान बीच बहस में राजद के तीन विधायक शिवहर के चेतन आनंद, मोकामा के नीलम देवी और सूर्यगढ़ा के विधायक प्रहलाद यादव सत्ताधारी दल के बीच आ कर बैठ गये. अंतिम समय में जदयू के नाराज चल रहे विधायक डा. संजीव कुमार भी हां पक्ष की ओर आ गये. इससे सदन में सत्ताधारी दल के प्रस्ताव के समर्थन में 125 विधायकों का समर्थन आया.
आसन पर बैठे उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने पहले ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव स्वीकृत होने की सदन की जानकारी दी. लेकिन विपक्षी सदस्यों ने मतदान कराने की मांग की. उपाध्यक्ष ने दो बार कोशिश की लेकिन विपक्ष के नहीं मानने पर मतदान की प्रक्रिया आरंभ हुई. पहले सत्ता पक्ष की गिनती हुई. इसके बाद विपक्ष के सदस्यों की गिनती की गयी.अंत में उपाध्यक्ष ने सदन को बताया कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया है.
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