पटना. पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए बिहार सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग ज्याद से ज्यादा करने पर जोर दे रही है. इसी को देखते हुए पटना में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी कर्मचारी और पदाधिकारी अब इलेक्ट्रिक वाहन से ऑफिस जाएंगे. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है.
बोर्ड के अध्यक्ष ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी लेने के लिए एक टीम लगा दी है. बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्रा स्थित मुख्यालय में सोलर पैनल के जरिए रोशनी फैलाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सोलर पैनल का उपयोग कर प्रति महीने लगभग एक लाख रुपये की बचत की जाएगी.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास फिरहाल 6 चार पहिया वाहन है. वहीं, 50 से अधिक दो पहीया वाहन से कर्मी कार्यालय आते है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बोर्ड में स्वीकृत 220 पदों में से 90 कर्मी कार्यरत है. बोर्ड इन कर्मियों को इलेक्ट्रिक वाहनों उपयोग के लिए मदद भी करेगा.
लंबी दूरी तय करने वाली इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल फिलहाल किया जाएगा, ताकि एक दिन में पटना से बाहर जाकर वापस लौट कर आ सकें. वहीं, पटना में प्रत्येक दिन कार्यालय आने-जाने वाले सभी कर्मी इलेक्ट्रिक वाहन से ही आएंगे. वहीं, पार्षद के मुख्यालय में सोलर पैनल लगाकर बिजली से संबंधित कार्य होंगे. इसके लिए बोर्ड ने ब्रेडा से संपर्क कर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. बोर्ड प्रत्येक महीने लगभग एक लाख रुपये बिजली बिल चुकाता है. इसकी बचत करने के लिए सोलर पैनल लगाने की तैयारी की जा रही है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय में एक इको-फ्रेंडली काउंटर खुलेगा. यहां जुट का थैला, डिजाइन गमला में पौधा और डेकोरेटेड सामान उपलब्ध होगा. वही, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्णिया, भागलपुर और गया में क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने की योजना है. अगले दो महीने में राज्य के 33 छोटे-बड़े शहरों में वायु प्रदूषण मापक यंत्र भी लगाया जाएगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha